पार्किंसंस रोग – ये दवाइयां टाले!, Parkinson’s Disease in Hindi – Drkharkar

कुछ दवाएं पार्किंसंस की पूरी जानका – एक-एक कर के पढ़े री रोग को और खराब कर सकती हैं। वे दिमाग के अंदर डोपामाइन के काम को रोककर ऐसा करती हैं।

अगर इन दवाओं के इस्तेमाल के कारण किसी मरीज में पार्किंसनिज़्म है, तो इसे “ड्रग-इंड्यूस्ड पार्किंसनिज़्म” या “मेडिकेशन इंडिकेटेड पार्किंसनिज़्म” कहा जाता है।

दवा से होने वाला पार्किंसनिज़्म,उन दवाओं के कारण होता है जो डोपामाइन के कार्य को रोकती हैं। पार्किंसंस बीमारी में  (ऊपर दी गई लिस्ट) की दवाओं को नहीं लेना चाहिए क्यूंकि ये बुरी दवाएं दिमाग में उन छोटी  जगहों को ब्लॉक कर देती हैं जहां डोपामाइन आमतौर पर खुद को जोड़ता है। पर कोशिकायें (सेल्स)  मरती नहीं हैं।

 

थोड़ी दवाइयां डोपामाइन को अपना काम करने से रोकती है. इन्हे डोपामाइन ब्लॉकर्स कहते है. इन दवाइयों से आपके पार्किंसंस के लक्षण तेज़ी से बढ़ सकते है.

डोपामाइन को रोकने वाली दवाएं दिमाग की कोशिकाओं में उन जगहों को ब्लॉक करती हैंजहाँ डोपामाइन आमतौर पर जुड़ता है। कोशिकाएं मरती नहीं हैं।

दवा से होने वाला पार्किंसनिज़्म बहुत तेजी से बढ़ सकता है, जबकि पार्किंसंस रोग आमतौर पर बहुत धीरे-धीरे बढ़ता है।Receptor e1622319661273

डोपामाइन ब्लॉकर्स: दवाइयां जो पार्किंसंस रोग बढ़ा सकती हैं:

दवाइयों के नाम
1. मनोरोग से जुड़ी समस्याओं जैसे कि सिज़ोफ्रेनिया के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कई दवायेंहेलोपरिडोल, रिस्पेराइडल, ओलंज़ापाइन, एरीपिप्र्जोल, ट्राइफ्लुपरजाइन और कई और दवाएं। क्लोज़ापाइन और क्वेटेपाइन आमतौर पर समस्याएं पैदा नहीं करती हैं।
2. मूड और डिप्रेशन के लिए कुछ दवाएंफ़्लुफनज़ाइन, ट्रानिकिपोरमाइन, लिथियम
3. कुछ उल्टी रोकने वाली दवाएंमेटोक्लोप्रमाइड, लेवोसुलपुराइड, डोमप्रिडोन की उच्च खुराक 30-40 मिलीग्राम / दिन, फ्लूनार्जाइन, कभी कभी सिनेरज़ाइन
4. कुछ दिल और ब्लड प्रेशर की दवाएंएमियोडेरोन, मिथाइल-डोपा

 

इस हालत में, लिवोडोपा बहुत उपयोगी नहीं है। क्यूंकि  जिन जगहों पर लिवोडोपा आमतौर पर जुड़ती है, वो इन बुरी दवाओं द्वारा ब्लॉक होती हैं।

इसलिए, इस हालत में, एंटीकोलिनर्जिक दवाएं और एमैंटाडाइन दोनों लिवोडोपा के बजाय अधिक असर करती हैं।

कुछ डॉक्टर एंटीकोलिनर्जिक दवाओं (जैसे ट्राईहेक्सीफ़िनीडाइल) का इस्तेमाल करते हैं।

लेकिन, मैं एंटीकोलिनर्जिक्स का इस्तेमाल करने से बचने की कोशिश करता हूं, और इसके बजाय एमैंटैडाइन नाम की दवाई का इस्तेमाल करता हूं।

पार्किंसंस को पूरी तरह समझने के लिए “पार्किंसंस का अर्थ – Parkinson’s disease meaning in Hindi” जरूर पढ़े.

 

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पार्किंसंस की पूरी जानकारी: एक-एक कर के पढ़े

१. Tremors Meaning in Hindi [ हाथ-पांव की कंपन का मतलब और कारण! ]
२. Parkinson's Meaning in Hindi [ पार्किंसंस रोग का अर्थ ]
३. Parkinson’s symptoms in Hindi [पार्किंसंस रोग के लक्षण]
४. Parkinson's treatment in Hindi [पार्किंसंस का उपचार]
५. Parkinson's new treatment (DBS) in Hindi [पार्किंसंस रोग नए उपचार]
चेतावनी: यह जानकारी केवल शिक्षण के लिए है. निदान और दवाई देना दोनों के लिए उचित डॉक्टर से स्वयं मिले। उचित डॉक्टर से बात किये बिना आपकी दवाइयां ना ही बढ़ाये ना ही बंद करे!!

डॉ सिद्धार्थ खारकर

डॉ  सिद्धार्थ खारकर को "आउटलुक इंडिया" और "इंडिया टुडे" जैसी पत्रिकाओं ने मुंबई के जाने-माने न्यूरोलॉजिस्ट्स में से एक के तोर पे पहचाना है.

डॉक्टर सिद्धार्थ खारकर न्यूरोलॉजिस्ट, मिर्गी  (एपिलेप्सी) विशेषज्ञ और पार्किंसंस विशेषज्ञ है।

उन्होंने भारत, अमेरिका और इंग्लॅण्ड के सर्वोत्तम अस्पतालों में शिक्षण प्राप्त किया है।  विदेश में  कई साल काम करने के बाद, वह भारत लौटे, और अभी मुंबई महरारष्ट्र में बसे है।

डॉक्टर सिद्धार्थ खारकर अंतरराष्ट्रीय पार्किंसंस और मूवमेंट डिसऑर्डर सोसाइटी के एक संशोधन गट के अंतरराष्ट्रीय संचालक है.

फोन 022-4897-1800

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Noted as one of the best Neurologists in Mumbai

India Today Magazine - 2020, 2021, 2022, 2023

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Ex-Assistant Professor, University of Alabama, USA

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