कंपन का अर्थ (३ महत्वपूर्ण कारण) ! – Tremor meaning in Hindi
Tremor meaning in Hindi है कंपन. इसीलिए, Tremor का मतलब जानने के लिए हमें कंपन का अर्थ जानना होगा. जब हमारे हाथ-पाँव अनियंत्रित आगे-पीछे हिलने लगते है, तो हम इसे अंग्रेजी में ट्रेमोर कहते है. काफी लोग हाथ-पांव की कंपन से त्रस्त होते है. कंपन के दो मुख्य कारण है पार्किंसंस रोग और “एसेंशियल ट्रेमर”. लेकिन कंपन के बाकी कारण भी हो सकते है, जैसे के दवाई के दुष्परिणाम. मैं डॉ सिद्धार्थ खरकर, ठाणे में एक न्यूरोलॉजिस्ट (Neurologist in Thane) हूं। मैं मुंबई में एक न्यूरोलॉजिस्ट (Neurologist in Mumbai) के रूप में भी काम करता हूं। मैं पार्किंसंस का उपचार प्रदान करता हूं और भारत में मिर्गी विशेषज्ञ हूं (Epilepsy specialist in India)। मैं भारत में मिर्गी की सर्जरी (Epilepsy surgery in India) और भारत में पार्किंसंस की सर्जरी प्रदान करता हूं। आइये, कंपन का मतलब और कंपन के इन तीन कारणों के बारे में जाने. Table Of Contents कंपन का अर्थ (Tremor meaning in Hindi) कंपन के दो मुख्य कारण (Diseases causing Tremor in Hindi) कंपन पैदा करने वाली दवाइयां (Medications causing Tremor in Hindi) कंपन के असामान्य कारण (Uncommon causes of Tremor in Hindi) कंपन की जांच कंपन का उपचार (Treatment of Tremor in Hindi) संक्षेप में पार्किंसंस की पूरी जानकारी: एक-एक कर के पढ़े डॉ सिद्धार्थ खारकर कंपन का अर्थ (Tremor meaning in Hindi) आम तोर पे हमारे सारे अंग नियंत्रित तरीके से हिलते है. जब आप हाथ हिलना चाहते तो, तब आपका दिमाग हाथ को हिलने का संकेत देता है. वहां की मासपेशियां खींचती है. और आपका हाथ हिलता है! ये नियंत्रित हिलना हर चीज़ के लिए जरूरी है – पानी पीना, खाना खाना, चबाना, बात करना – सब इस नियंत्रित हिलने पर निर्भर होता है. कंपन या ट्रेमर का हिंदी में अर्थ है – हाथ-पांव का घडी के लंगर की तरह आगे-पीछे, अनियंत्रित हिलना पर कभी-कभी, दिमाग का ये काम अनियंत्रित हिलने लगता है. इससे का हाथ या पांव घडी के लंगर (पेंडुलम) की तरह आगे-पीछे हिलने लगता है. ऐसा दो स्थितियों में हो सकता है: १) बैठे-बैठे होने वाली कंपन: इसे आराम-की-कंपन या फिर अंग्रेजी में “Rest Tremor” कहते है. ये अक्सर पार्किंसंस रोग का लक्षण होता है. २) कुछ काम करते हुए होने वाली कंपन: जैसे लिखते हुए, या फिर पानी पीते हुए. इसे अंग्रेजी में “कार्य-की-कंपन” या “Action Tremor” कहते है. ये अक्सर “एसेंशियल ट्रेमर” नाम की बीमारी का लक्षण होता है. लिखते समय होने वाली कम्पन अक्सर “एसेंशियल ट्रेमर” के वजह से होती है. तो फिर Tremor meaning in Hindi जानने के लिए, आपको ये दो प्रकार की कंपन याद रखनी पड़ेगी. “आराम-की-कंपन” और “कार्य की कंपन”. कंपन (Tremor) क्यों होती है? पार्किंसंस रोग और एसेंशियल ट्रेमर के आलावा, कंपन के कारण अनेक है. कंपन के दो मुख्य कारण (Diseases causing Tremor in Hindi) अब, बहोत ही जरूरी जानकारी है. ध्यान से पढ़े. कंपन (Tremor) पैदा करने वाली दो मुख्य बीमारियां है: पार्किंसंस रोग और एसेंशियल ट्रेमर. पार्किंसंस ट्रेमर का मतलब हिंदी में (Parkinson’s Tremor meaning in Hindi): पार्किंसंस रोग एक ख़ास तरह की बीमारी है. पार्किंसंस रोग के लक्षण विस्तार में दूसरे लेख में बताये गए है. मगर पार्किंसंस रोग के लक्षण में संक्षेप में यहाँ पर बताता हूँ: १. आराम-की-कंपन: पार्किंसंस रोग में ट्रेमर आराम करते समय अधिक होता है. इसलिए इसे आराम-की-कंपन या अंग्रेजी में “Rest Tremor” कहा जाता है. पार्किंसंस रोग की कंपन शुरू में शरीर के एक तरफ से शुरू होती है. उधारण के तोर पे – एक हाथ या फिर एक पाँव में कंपन होने लगती है. कुछ समय बाद, शरीर के बाकी अंग में भी कंपन होने लगती है. जब रोग बढ़ जाता है, तो पुरे शरीर में कंपन हो सकती है. आइये, Parkinson’s Tremor meaning in Hindi और ऐसी आराम-की-कंपन समझने के लिए का एक वीडियो देखे: २. धीमापन: मरीज़ का चलना, बात करना, खाना-पीना सभ कुछ धीमा हो जाता है. इन सब की गति बहोत काम हो जाती है. ३. सख्तपन: मरीज़ को एक हाथ या एक पाँव भारी लगने लगता है. मरीज़ को उस हाथ/पैर के जोड़ झुकने के लिए बहुत तकलीफ होती है. पार्किंसंस रोग के लक्षण काफी है. मेरी राय है के आप इन अन्य लक्षणों के बारे में पढ़े [यहाँ दबाए]. एसेंशियल ट्रेमर का मतलब हिंदी में (Essential Tremor meaning in Hindi): एसेंशियल ट्रेमर बहुत आम बीमारी है. एसेंशियल ट्रेमर की बीमारी में, जब मरीज़ कुछ कर रहा है तब उसके हाथ ज़्यादा हिलते है. इस कंपन (ट्रेमर्स) को कार्य-की-कंपन या अंग्रेजी में “Action Tremor” केहते है. अब इस व्यक्ति को देखिये. बैठे-बैठे इनके हाथ नहीं हिलते. पर जैसे ही ये कुछ करने जाते है, तो दोनों हाथों कंपन आती है. इसी कंपन को कार्य-की-कंपन या Action-Tremor केहते है. एसेंशियल ट्रेमर (कंपन) के थोड़े और खास लक्षण होते है. १. ये शरीर के दोनों बाजु एक साथ शरु होती है. २. अक्सर आवाज़ भी कांपती है. ३. अक्सर यह माता पिता से बच्चों में अनुवांशिक रूप से आती है. ४. ये कंपन टेंशन, अत्यधिक चाय या कोफ़ी से बढ़ जाती है. ५. अगर आप शराब का सेवन करते है – तो थोड़ी भी शराब पिने के बाद ये कंपन रुक जाती है. थोड़ी देर के लिए! थोड़ी सी एल्कोहल लेने से एसेंशियल ट्रेमर की वजह से हाथों का कांपना कम हो सकता है. शराब पीना तो किसी बीमारी का इलाज नहीं हो सकता!!! इसलिए हम इन दोनों बिमारियों की दवाइयों के बारे में भी बात करेंगे. संक्षेप में: अगर आपको आराम-की-कंपन है, तो आपको पार्किंसंस रोग हो सकता है. अगर आपको कार्य-की-कंपन है, तो आपको एसेंशियल ट्रेमर की बीमारी हो सकती है. इन दो बिमारियों से होने वाली कम्पन का अर्थ मेरे इस वीडियो में भी बताया गया है: कंपन पैदा करने वाली दवाइयां (Medications causing Tremor in Hindi): क्या आप जानते है, के थोड़ी दवाइयों से कंपन हो सकती है? दवाइयों से होने वाली कंपन अक्सर ज़्यादा तीव्र नहीं होती. अक्सर ये दवाइयां कोई बहोत जरूरी कारण के लिए दी जाती है – जैसे के सास की नाली खुली रखना. इसलिए, इन दवाइयों को डॉक्टर की सलाह बिना बिलकुल बंद ना करे! Tremor meaning in Hindi जानते जानते, खूद से डॉक्टर का कार्य करने की बड़ी गलती ना करे! थोड़ी दवाइयों से कंपन हो सकती है. दवाई का नाम आम तोर पे, उसका कार्य 1. वेलप्रोएट (Valproate) खेच आने से रोकता है 2.
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