Category: Epilepsy / Seizure meaning in Hindi

1. भारत में मिर्गी की सर्जरी क्यों की जाती है?

कुछ लोगों को दौरे पड़ते हैं. दिमाग में बिजली अनियंत्रित होने के कारण ऐसा होता है.

इस स्थिति को “मिर्गी” कहते हैं.

दवाइयां लेने के बाद करीब 80% मरीज़ों में दौरे पड़ने बंद हो जाते हैं.

लेकिन, 20% लोगों को 2 या अधिक दवाएं लेने के बाद भी दौरे पड़ते रहते हैं. इन मरीज़ों को “चिकित्सकीय रूप से प्रतिरोधी (रेझिस्टंट) मिर्गी” होती है.

दौरे रोकने के लिए उन्हें भारत में मिर्गी की सर्जरी करने की ज़रूरत होती है.

2. क्या भारत में मिर्गी की सर्जरी की जाती है?

हां. भारत में भी सभी प्रकार की मिर्गी की सर्जरी की जा सकती है.

अमरिका में मिर्गी की सर्जरी बहुत ही सामान्य है. बड़े अस्पतालों में (जैसे कि, यूसीएसएफ, जहां मैंने पढ़ाई की है) हर हफ्ते करीब 2-3 मिर्गी की सर्जरी की जाती है.

भारत में, मिर्गी की सर्जरी बहुत ही कम पैमाने पर की जाती है. इसका कारण है:

–     मरीज़ों और डॉक्टरों को इसकी जानकारी नहीं है.

–     मिर्गी की सर्जरी करने के लिए बहुत कम प्रशिक्षित डॉक्टर है.

–     इसका खर्च

–     जटिलताओं (कॉम्प्लीकेशन्स) का डर

–     लेकिन सबसे ज़रूरी बात, बहुत से भारतीयों की यह दुखद, निराशाजनक और पूरी तरह से गलत धारणा है कि मिर्गी को नियंत्रित नहीं किया सकता. मिर्गी की सर्जरी कितने प्रकार से की जाती है?

भारत में मिर्गी सर्जरी कई प्रकार से की जाती है.

रिसेक्टिव (खराब हिस्सा निकालने की सर्जरी):

यह सबसे बढ़िया प्रकार की मिर्गी की सर्जरी है.

दिमाग में दौरा पैदा करनेवाले खराब हिस्से को निकाल दिया जाता है. इससे दौरे पड़ने बंद हो जाते है.

वेगस नर्व स्टिम्युलेशन (VNS):

कुछ मामलों में, रिसेक्टिव (निकालने की) सर्जरी मुश्किल होती है. अगर खराब हिस्सा बहुत बड़ा हो, या फिर दिमाग के महत्वपूर्ण हिस्सों के पास हो तो ऐसा हो सकता है.

ऐसे मामलो में, वेगस नर्व स्टिम्युलेशन (VNS) सर्जरी की जाती है. इस सर्जरी के लिए ज़्यादा समय नहीं लगता है.

छाती पर त्वचा के नीचे एक छोटी-सी बैटरी बिठा दी जाती है. गर्दन की त्वचा के नीचे की एक नस एक पतली तार से जोड़ दी जाती है.

VNS उपकरण दिमाग में बिजली की छोटी धाराएं छोड़ता है जिससे दौरे रुक जाते हैं.

दूसरी सर्जरियां:

खास परिस्थितियों में दूसरी सर्जरियां की जाती है. उदाहरण के लिए, मरीज़ अगर VNS का खर्च नहीं उठा सकता तो VNS की बजाय कॉर्पस कॉलोस्टॉमी की जा सकती है.

3. भारत में मिर्गी की सर्जरी से पहले कौन-कौन–से टेस्ट करने की ज़रूरत होती है?

किसी भी मिर्गी की सर्जरी से पहले किए जानेवाले सामान्य टेस्ट्स की सूची नीचे दी गई है.

1.   हमारे मरीज़ की मिर्गी किस प्रकार की है और उसे किस प्रकार के दौरे पड़ते हैं?

 

2.   कौन-से हिस्से की वजह से दौरे पड़ रहे हैं?

3.   क्या इसे सुरक्षित तरीके से निकाला जा सकता हैं?

4.   सफलता की संभावना कितनी है?

5.   क्या दूसरी सर्जरियां की जा सकती है? 

हम इन टेस्ट्स से जुड़े सवालों के जवाब देने की कोशिश करते हैं:

कुछ मरीज़ों के मामले में, इन सवालों के जवाब देने के लिए ज़्यादा टेस्ट्स करने की ज़रूरत होती है. ज़्यादातर मरीज़ों में, इन टेस्ट्स की ज़रूरत नहीं होती है.

बहुत ही कम मामलो में, इन टेस्ट्स के बाद भी खराब हिस्सा कहां है यह पता नहीं चलता है. ऐसे समय, हमें सीधे दिमाग से ईईजी रिकॉर्ड़ करने की ज़रूरत होती है.

दिमाग में पतले तार डालकर ऐसा किया जाता है. इस प्रक्रिया को स्टीरियो-ईईजी कहा जाता है.

4. वीड़ियो ईईजी मॉनिटरिंग (मिर्गी की मॉनिटरिंग) में कौन-सी बाते शामिल है?

लगातार ईईजी मॉनिटरिंग करने के लिए मरीज़ को भर्ती किया जाता है. इस दौरान, हम दवाओं की मात्रा कम कर सकते हैं जिससे रोगी को दौरे पड़ने शुरू होते हैं.

हम हर प्रकार में से करीब 2 दौरे रिकॉर्ड़ करने कि कोशिश करते हैं.

उदाहरण के लिए, रोगी को एक दौरा पड़ता है जिससे वह गिर जाता है, और दूसरा दौरा पड़ता है जिससे वह होठों को चटकाता है, तो हम 2+2 = 4 दौरे रिकॉर्ड़ करते हैं.

यदि आपको बार-बार दौरे पड़ते है, तो मिर्गी की मॉनिटरिंग में सिर्फ 1-2 दिन लग सकते हैं. दूसरे लोगों में, 7 या उससे ज़्यादा दिन लग सकते हैं.

5. भारत में मिर्गी की सर्जरी कितने हद तक सफल होती है?

भारत में मिर्गी की सर्जरी की सफलता बहुत ही उच्च होती है, लेकिन 100% नहीं.

सफलता दर मिर्गी के प्रकार और मिर्गी की सर्जरी के प्रकार पर निर्भर करता है.
उदाहरण के लिए:

·       रिसेक्टिव सर्जरी की सफलता दर 80% से ज़्यादा हो सकती है.

·       दूसरे सर्जरियों की सफलता दर कम होती है, लेकिन सामान्यत: बहुत अच्छी होती है.

·       VNS के बाद, ज़्यादातर मरीज़ों के दौरों में 50% या उससे ज़्यादा की कमी आ जाती है. खासकर, ऐसे दौरे बड़े पैमाने पर कम हो जाते हैं, जिसमें मरीज़ गिर जाते हैं और खुद को चोट पहुंचाते हैं.

सर्जरी से पहले किए जानेवाले टेस्ट्स करने के बाद सफलता की दर के बारे में आपके साथ बात की जाएगी.

6. क्या मिर्गी की सर्जरी के बाद मुझे दवाएं लेने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी?

मिर्गी की सर्जरी का लक्ष्य है दौरों को रोकना.

भारत में मिर्गी की सर्जरी के बाद लगभग 50% मरीज़ अपनी दवाएं लेना बंद कर पाने में सक्षम होते हैं.

लेकिन, दूसरे मरीजों को अपनी दवाएं लेते रहने की ज़रूरत होती है. कुछ मरीज़ अपनी दवाओं की मात्रा कम कर पाने में सक्षम हो पाते हैं.

7. संभावित जटिलताएं (कॉम्प्लीकेशन्स) कौन-सी हो सकती है?

किसी भी सर्जरी में एनेस्थीसिया और संक्रमण (इन्फेक्शन) से संबंधित कुछ जोखिम हो सकते हैं.

रिसेक्टिव सर्जरी में, आसपास के हिस्सों को नुकसान पहुंचने का डर लगा रहता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि खराब हिस्सा असल में कहां पर है.

यदि खराब हिस्सा दिमाग के महत्वपूर्ण हिस्सों के पास हो (उदा. बोलने का और स्मृति का क्षेत्र) तो सर्जरी बहुत ही सावधानी से करने की ज़रूरत होती है.

खुशी की बात है, कि रिसेक्शन के बाद दौरे रुकने से बहुत से लोगों में सोचने की और स्मृति की शक्ति में सुधार होता है. यह इसलिए, क्योंकि दिमाग के स्वस्थ हिस्से अच्छी तरह से काम कर रहे होते हैं.

सर्जरी से पहले किए जानेवाले टेस्ट्स के बाद सभी संभावित जटिलताओं (कॉम्प्लीकेशन्स) के बारे में आपसे बात की जाएगी.

कृपया ध्यान दीजिए, कि यह खर्च अनुमानित है और समय के साथ इसमें बदलाव होते रहता है.

8.भारत में मिर्गी की सर्जरी का खर्च कितना आएगा?

हर मरीज़ का मूल्यांकन और सर्जरी अलग-अलग होती है, इसलिए हर मरीज़ का खर्च भी अलग-अलग होता है.

उदाहरण के लिए: यदि हमारे मरीज़ को बार-बार दौरे पड़ते हैं और उसे साधारण रिसेक्शन की ज़रूरत होती है, तो कुल खर्च 4.5 – 5 लाख के बीच आ सकता है. यह पूरा खर्च है, जिसमें सभी टेस्ट्स भी शामिल है.

टेस्ट भारत में खर्च
कदम 1: मूल्यांकन
MRI रु. 12,000
PET और MRI-PET एकीकरण रु. 15,000
फंक्शनल MRI (fMRI) रु. 12,000
वीडियो-ईईजी मॉनिटरिंग (3 दिन) रु. 30,000 x 3 = रु. 90,000
मनोरोग और
न्यूरोसाइकोलॉजिकल टेस्ट
रु. 6,000
मूल्यांकन का कुल खर्च रु. 1.35 लाख
कदम 2:
सर्जरी
इंट्राऑपरेटिव इलेक्ट्रोकॉर्टिकोग्राफी के साथ रिसेक्टिव सर्जरी रु. 3.5 लाख
कुल खर्च रु 4.95 लाख

VNS सर्जरी बहुत महंगी होती है. इस खर्च में सबसे बड़ा हिस्सा होता है उपकरण का जिसे बाहर से मंगवाना पड़ता है.

टेस्ट भारत में खर्च
VNS प्रक्रिया का खर्च (बिठाने का खर्च) रु. 1.5 लाख
VNS उपकरण खर्च − डेमीपल्स रु. 8.5 लाख
VNS उपकरण खर्च − एस्पायर SR रु. 10.5 लाख
VNS उपकरण खर्च − सेंटिवा (नवीनतम मॉडेल) रु. 14.5 लाख

9. क्या मुझे (या मेरे बच्चे को)भारत में मिर्गी की सर्जरी करवानी चाहिए?

यदि एक व्यक्ति को चिकित्सकीय रूप से प्रतिरोधी (रेझिस्टंट) मिर्गी है, तो सामान्यत: मैं उन्हें मिर्गी की सर्जरी करवाने के लिए कहता हूं, अगर:

मरीज़ को सचमुच चिकित्सकीय रूप से प्रतिरोधी (रेझिस्टंट) मिर्गी हो.

1. मरीज़ों का गलत निदान हो सकता है. उदाहरण के लिए, हृदय की गति से संबंधित समस्या या तनाव से संबंधित दौरे वाले लोगों में मिर्गी का गलत निदान हो सकता है.

2. कभी कभी, किसी एक प्रकार की मिर्गी के लिए दवा का प्रकार या दवा की मात्रा गलत हो सकती है.

3. कभी कभी, मरीज़ों को दौरे पड़ते हैं, क्योंकि वो अपनी दवाएं नहीं लेते हैं.

मरीज़ को संभावित जटिलताएं (कॉम्प्लीकेशन्स) स्वीकार्य होती है.

उदाहरण के लिए, यदि किसी का दाहिना हाथ मज़बूत होता है, लेकिन सर्जरी के बाद सूक्ष्म मोटर कौशल बदल जाते हैं, ऐसे में एक पेंटर के काम पर इसका बहुत बड़ा असर हो सकता है. लेकिन, अगर मरीज़ मजदूरी का काम करनेवाला हो तो शायद उसके काम पर इसका असर नहीं होगा.

मरीज़ को समझना चाहिए कि इसमें 100% गारंटी नहीं होती है. किसी भी सर्जरी में 100% गारंटी नहीं होती है.

10. यदि मैं सिर्फ दवाएं लेते रहने का निर्णय लेता हूं तो तब क्या?

इस बात की संभावना है कि भविष्य में मिर्गी की नई दवाएं खोजी जा सकती है. लेकिन, दवा प्रतिरोधी (रेझिस्टंट) मिर्गी के इतिहास को समझना बहुत ज़रूरी है.

सन 2000 में, डॉ. क्वान और डॉ. ब्रॉडी ने एक महत्वपूर्ण अध्ययन किया. उन्होंने पता लगाया कि यदि मिर्गी की दो दवाएं काम नहीं कर रही हो, तो सिर्फ दवाओं की मदद से मिर्गी के दौरे रोकने की संभावना 5% से भी कम होती है.

उस अध्ययन के 20 से भी ज़्यादा साल बाद, मिर्गी की कई नई दवाओं को खोजा गया है. इनके दुष्परिणाम बहुत ही कम है, लेकिन दुख की बात है, कि इनकी प्रभावकारिता में कुछ खास फर्क नहीं है (नीचे देखिए).

जिन मरीज़ों पर दवाओं का कोई असर नहीं होता है ऐसे मरीज़ों की गिनती लगभग वही रही है.

11. नवीनतम दवाओं के बारे में क्या?

मैं पेरमपनेल नामक एक नई दवा के बारे में आशावादी था, क्योंकि मिर्गी के दौरे की दूसरी दवाओं की तुलना में यह दवा पूरी तरह से अलग तरीके से काम करती है.

दुख की बात है, कि मैंने और दूसरे न्यूरोलॉजिस्टो ने पाया है कि चिकित्सकीय रूप से प्रतिरोधी (रेझिस्टंट) मिर्गी वाले बहुत से लोगों में यह ज़्यादा असरदार नहीं है.

दूसरी कई “नवीनतम” दवाएं जैसे कि एस्लिकार्बाज़ेपीन, पुरानी दवाओं (कारबामाज़ेपीन) के समान ही है, बस उनमें बहुत ही मामूली सा फर्क है.

उदाहरण के लिए, एस्लिकार्बाज़ेपीन दिन में एक बार ली जा सकती है, जबकि कारबामाज़ेपीन दिन में दो बार लेने की ज़रूरत होती है.

12. प्रतीक्षा करने में कौन-सी संभावित जटिलताएं (कॉम्प्लीकेशन्स) हो सकती है?

मैं भी आशा करता हूं कि भविष्य में बहुत ज़्यादा असरदार दवाएं उपलब्ध होंगी. लेकिन, इलाज तो हमें अभी करवाना है ना.

प्रतीक्षा करने के कुछ नुकसान है.

1.   यदि मिर्गी की सर्जरी से एक व्यक्ति मिर्गी के दौरों से मुक्त हो सकता है, तो प्रतीक्षा करने का मतलब है जीवन के कीमती और उत्पादकता से भरपूर साल बर्बाद करना.

2.   जिन मरीजों को बार-बार दौरे पड़ते हैं उनके लिए दिमाग को नुकसान पहुंचना चिंता का विषय है. ऐसे मामलों में प्रतीक्षा करने से उनमें सोचने और स्मृति से संबंधित स्थायी समस्याएं पैदा हो सकती है.

3.   यदि मरीज़ को बहुत से दौरे पड़ते होंगे, तो दिमाग के दूसरे हिस्से भी असामान्य हो सकते हैं और वो भी दौरे पैदा कर सकते हैं.

सीज़र दौरे का अर्थ (Seizure meaning in Hindi) है दिमाग में इलेक्ट्रिसिटी अनियंत्रित होने से अजीब लक्षण होना.

हम सब को ये पता है के सीज़र के दौरे में  शरीर जोर-जोर से हिल सकता है.

पर क्या आप जानते है के इस अनियंत्रित एलेक्ट्रिक्ट्य से कोई भी लक्षण हो सकते है?

इनमे से कई सीज़र के लक्षणों को नाम दिया गया है. सीज़र के ऐसे १०० से अधिक लक्षण है जिनका नाम है.

अक्सर सीज़र के इन अन्य लक्षणों को नज़रअंदाज़ किया जाता है. ऐसे होता है, क्यों के अधिकाशं लोगों को सीज़र दौरे का अर्थ पता नहीं होता.

सीज़र दिमाग के किस भाग में है, इसके आदर पर इन लक्षणों को २ प्रकारों में बाटा गया है:

सीज़र के २ मुख्य प्रकार
१ . फोकल सीज़र – छोटा सीज़र जो दिमाग के एक छोटे से भाग से शुरू होता है, और अक्सर वहीँ पर सिमित रहता है.
२ . जनरलाइज़्ड सीज़र – बड़ा सीज़र दो पुरे दिमाग में अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी की अगणित चिंगारियां जलाता है.

सीज़र के दौरे का अर्थ पूरी समझने हमें इन चीज़ों को जानना होगा:

  1. सीज़र के दौरे क्यों होता है?
  2. सीज़र के दौरे के लक्षण क्या होते है?
  3. सीज़र के दौरे का निदान कैसे होता है?
  4. सीज़र के दौरे का उपचार क्या है?

अगर सीज़र के दौरे बार-बार होते है, आपके दिमाग को सीज़र होने की आदत होती है – तो इस बीमारी को एपिलेप्सी कहते है.

सीज़र के दौरे के बारे मैं पढ़ने के बाद, यहाँ  वापस आकर ये दबाए: ( Meaning of Epilepsy in Hindi – मिर्गी की बीमारी का अर्थ )

हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है. इसीलिए,अधिकांश लोगो को दौरे का अर्थ हिंदी में (Seizure meaning in Hindi) समझाने का ये प्रयास है.आइये, सीज़र का अर्थ (Seizure meaning in Hindi) समझते है!

मैं डॉ सिद्धार्थ खरकर, ठाणे में एक न्यूरोलॉजिस्ट (Neurologist in Thane) हूं। मैं मुंबई में एक न्यूरोलॉजिस्ट (Neurologist in Mumbai) के रूप में भी काम करता हूं। मैं (Epilepsy specialist in India) भारत में मिर्गी विशेषज्ञ हूं, भारत में मिर्गी की सर्जरी (Epilepsy surgery in India) करता हूं।

आइए, पढ़ते हैं इन अहम बातों के बारे में।

हमारे दिमाग का नियंत्रित काम

हमारा दिमाग इलेक्ट्रिसिटी और रसायनो पे चलता है.

हमारे दिमाग के अलग-अलग हिस्से अलग-अलग कार्य करते है.

जब हमारे दिमाग का एक भाग किसी और भाग को संकेत देना चाहता है, तो वो इलेक्ट्रिसिटी का एक छोटा सा करंट वहां भेजता है.

ऐसे करोडो छोटे-छोटे करंट हमारे दिमाग में लगातार बहते है.

ये सारे ही करंट नियंत्रित होते है.

जब आप चाहते हो, तब ही आप का दिमाग हाथ हिलने का संकेत भेजता है. जब आप चाहते हो, तब ही आपका दिमाग मुँह से आवाज़ निकालता है.

फोकल सीज़र का दौरा क्यों होता है (Focal Seizure meaning in Hindi)?

अब सोचिये अगर दिमाग के कोई दो छोटी वायर एक दूरसे के ऊपर चिपक जाये. इसे अंग्रेजी में क्रॉस-कनेक्शन कहते है.

तो फिर क्या होगा?

हाँ. वहां की इलेक्ट्रिसिटी अनियंत्रित हो जायेगी. इलेक्ट्रिसिटी बिना वजह फड़-फडाने लगेगी.

जब दिमाग के एक ही भाग में अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी होती है, तो उसे फोकल सीज़र या फिर “छोटी सीज़र का दौरा” कहते है.

जब ये अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी दिमाग के एक भाग तक सिमित होती है, तब बारीक़ लक्षण होते है. जैसे:

  • अगर दिमाग के उस भाग में इलेक्ट्रिसिटी अनियंत्रित होती है, जो हाथ हिलता है, तो हमारा हाथ अपने-आप फड़फड़ाने लगता है.
  • अगर दिमाग के सुगंध के भाग में इलेक्ट्रिसिटी अनियंत्रित होती है, तो हमें बिना-वजह बहोत अच्छी, या फिर बहोत गंदी बास आने लगती है.

जैसे, डॉक्टर जनक पटेल ने पोस्ट किया हुआ ये वीडियो देखे। इस मरीज़ को फोकल सीज़र हो रहा है, जिसके कारन उनका सिर्फ बायां पैर हिल रहा है.

इसे अंग्रेजी में “Focal Seizure” कहते है. आप इसे हिंदी में “छोटा दौरा” कह सकते है.

बड़ा सीज़र का दौरा क्यों होता है (Generalized Seizure meaning in Hindi)?

एक बादल की तरह, कभी कभी ये अनियंत्रित इलेक्ट्रिक १०-१५ सेकंड में पुरे दिमाग में फ़ैल जाती है.

ऐसा हर बार नहीं होता. मगर जब ये होता है, तब पूरा शरीर जोर-जोर से हिलता है.

जब अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी पुरे दिमाग में फैलती है, तो उसे जनरलाइसीड सीज़र या फिर “बड़ा सीज़र का दौरा” कहते है.

आदमी का होश खो जाता है, और कभी-कभी वह जबान काट लेता है. आँखे खुली होती है. अक्सर बड़े दौरे में मरीज़ अपने पिसाब या संडास पे संतुलन खो देता है.

जैसे, इस व्यक्ति को देखिये. पुरे दिमाग में अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी फैलने के कारण इनका पूरा शरीर जोर-जोर से हिल रहा है.

सीज़र का बड़ा दौरा आम तोर पे सिर्फ १-२ मिनिट लम्बा होता है.

ऐसे बड़े दौरे के बात, आदमी थक जाता है. उसे पूरी तरह ठीक होने में २० मिनिट से भी ज़्यादा लग सकते है.

इसे अंग्रेजी में “Generalized Seizure” कहते है. आप इसे हिंदी में “बड़ा दौरा” कह सकते है.

सीज़र में इलेक्ट्रिसिटी अनियंत्रित क्यों हो जाती है?

थोड़ी गहराई में जाते है.

Seizure meaning in Hindi आपको जल्द से समझने के लिए मेंने कहा था की क्रॉस-कनेक्शन से इलेक्ट्रिसिटी अनियंत्रित होती है.

ये क्रॉस-कनेक्शन के असली कारन समझना थोड़ा पेचीदा है. इसलिए में इनके बारे में सिर्फ संक्षेप में बात करूँगा. अगर आपको सीज़र के कारणों में और भी संशोधन करना है, तो यहाँ दबाए [डॉ बालेस्ट्रिनी ने लिखा हुआ लेख, अंग्रेजी में].

कारण १. पेशियों की सुरंगों में बिघाड: दिमाग की पेशियों में परमणु अंदर-बहार जाने के लिए बारीक़ सुरंग होती है. अगर इनमे से एक सुरंग बिघड जाए, तो सीज़र की बीमारी हो सकती है.

कारण २. बच्चे का कोक में अनियमित विकास: हमारा दिमाग कोक में पूरी तरह बन जाता है. अगर इस वक़्त दिमाग के उत्थान में कोई समस्या हो जाये, तो सीज़र की बीमारी हो सकती है.

गर्भावस्था और मिर्गी हिंदी में

कारण ३. खून में ख़राब रसायन: कभी-कभी लिवर या किडनी की बीमारी के कारण खून में ख़राब रसायन जामा हो जाते है. इनसे सीज़र की बीमारी हो सकती है.

कारण ४: जनम के बाद दिमाग को चोट: यदि दुर्घटना के कारण, ब्रेन-ट्यूमर के कारण, लकवे के कारण दिमाग को भरी चोट होती है, तो इससे सीज़र हो सकते है.

सीज़र के अन्य लक्षण

सीज़र के कई लक्षण हो सकते है.

मगर दिमाग के थोड़े भागों  में सीज़र अक्सर होता है. इसीलिए इन भागों से होने वाले लक्षण अक्सर दिखाई देते है.

अक्सर दिखाई देने वाले सीज़र के लक्षण
  1. गन्दी बदबू या फिर बहोत ज़्यादा मीठी सुगंध
  2. गन्दा स्वाद – थोड़े लोगों को तो मुँह में खून या धातु का स्वाद आता है.
  3. अचानक बहोत ज़्यादा डर या व्याकुलता
  4. स्मृति के विकार – जैसे मरीज़ को लगता है के ऐसा तो मेरे साथ हुआ है!
  5. अचानक दृश्य-भास् (दुःस्वप्न) होना
  6. शरीर के भाग/हाथ या पाँव में झुनझुनी
  7. शरीर के भाग/हाथ या पाँव में कंपन
  8. अपनी ही दुनिया में खो जाना, अनुत्तरदायी हो जाना.

जैसे, इस लड़के  को देखिये. ये बिच में ही कहीं खो जाती है, इसे दृश्य-भास् (दुःस्वप्न) हो जाता है:

यू-ट्यूब – डॉक्टर राजीव गुप्ता के द्वारा वीडियो:

मगर जैसे मेंने कहा, सीज़र में कोई भी लक्षण हो सकते है. तो ये है सीज़र के असामान्य लक्षण:

सीज़र के असामान्य लक्षण
  1. अचानक बिना वजह गुस्सा
  2. अचानक बिना वजह बहुत ज़्यादा ख़ुशी या बहुत ज़्यादा दुःख.
  3. शरीर से बहार तैरने का एहसास
  4. अचानक से मतली/उलटी का एहसास
  5. अचानक से पिसाब करने की इच्छा होना
  6. चक्कर
  7. आवाज़े सुनाई देने के भास होना
  8. तेज़ी से आँखे फड़फड़ाना

सीज़र के दौरे के अंग्रेजी में इतने-सारे नाम क्यों है?

अब आप Seizure meaning in Hindi (मतलब दौरे का अर्थ) जान गए हो. सरल शब्दों में लक्षणों का वर्णन करने से अर्थ साफ़ रहता है.

पर डॉक्टरों को तो इतने सरल नामो से संतुष्टि नहीं होती!!!

मज़ाक छोड़ा जाए, तो फिर भी अंग्रेजी के जटिल शब्दों की जरूरत अक्सर नहीं होती. पर ये शब्द आपको सीज़र के लक्षण बताने में मेरी मदत करेंगे.

नामो से भी ज़्यादा, आपको  सीज़र के लक्षण पर ध्यान देना है. ताकि अगर आपको, या आपके परिवार में किसीको ऐसे लक्षण हो तो आप उन्हें पहचान पाए.

सीज़र के दौरे के एकदम सरल नाम रखे. इससे आपको डॉक्टर से बात करने में आसानी होगी।

सीज़र दौरे के दौरान जो लक्षण होते है, उनके आधार पर छोटे दौरों को अन्य वैज्ञानिक नाम दिए गए है:

(Focal Seizures) छोटे दौरे के लक्षण और नाम

जैसे हमने समझा, छोटे दौरे दिमाग के एक ही हिस्से में होते है. इससे छोटे लक्षण होते है.

Focal Seizure meaning in Hindi जानने के लिए ये छोटे लक्षण जानना जरूरी है.

इन छोटे दौरों के अंग्रेजी नाम है ऑटोमाटिस्म, डेजा-वू इत्यादि. इनके बारे में विस्तार में पढ़ने के लिए निचे के क्रॉस वाले चिन्ह को दबाये:

छोटे लक्षणों के लक्षण और अंग्रेजी नाम
छोटे दौरे का नाम छोटे दौरे के लक्षण (Focal Seizure meaning in Hindi)
ऑटोमेटिस्म मरीज़ स्वचालित रूप से चीज़े करने लगता है – जैसे हाथों को मसलना, जीभ अंदर-बहार करना, चटकारे लेना (lip smacking seizure) इत्यादि
डिसोसिएटिव सीज़र मरीज़ अपने ही खयालो में खो जाता है. वह अनुत्तरदायी हो जाता है.
डेजा-वू सीज़र मरीज़ को अजीब लगता है. उसको ख्याल आता है  “अरे! ये तो मेरे साथ हुआ है”
जामे-वू सीज़र मरीज़ को अजीब लगता है. उसे पाहिले भी सीज़र का दौरा आये हुए होते है, मगर उसके बाबजूद उसको ख्याल आता है “अरे! ये तो सब नया-नया है”
हाइपर-कायनेटिक सीज़र मरीज़ अति-उत्तेजित हो जाता है!!! वह कोई मछली की तरह, या तो जेल के कैदी की तरह जोर-जोर से चिल्लाता है, हिंसक प्रकार से बलपूर्वक और तेज़ हाथ-पैर जटकटा है!
डेकरी-सिस्टिक सीज़र मरीज़ बिना-वजह रोने लगता है
गेलास्टिक सीज़र मरीज़ बिना-वजह हसने लगता है

जैसे, इस लड़की को देखिये. खेलते-खेलते ये कहीं खो जाती है, और उसकी दायनी आँख फड़कने लगती है. इसे ऑटोमेटिस्म कहते है – ये एक प्रकार का सीज़र का दौरा है.

कितना आसान है ऐसे असामान्य सीज़र के लक्षण देखकर उनका मज़ाक उड़ाना! कितना आसान है बेचारे मरीज़ का बिना वजह मज़ाक उड़ाना!

ऐसे न करिये. सीज़र के लक्षण पहचानिये. उनका जल्द-से-जल्द उचित उपचार कीजिये.

(Generalized Seizures) बड़े दौरे के लक्षण और नाम

जैसा हमने जाना, बड़े दौरे दिमाग में सब तरफ इलेक्ट्रिसिटी का तूफान फ़ैल जाने के कारण होती है.

अपेक्षित रूप से, बड़े दौरे के लक्षण भी बड़े होते है.

फिरसे, नामो की जगह सीज़र के लक्षणों पर ध्यान दे. ये लक्षण समझना generalized Seizure meaning in Hindi जानने के लिए जरूरी है.

इन बड़े दौरों के अंग्रेजी नाम है एब्सेंट सीज़र, मायोक्लोनिक  सीज़र इत्यादि. इनके बारे में विस्तार में पढ़ने के लिए निचे के क्रॉस वाले चिन्ह को दबाये:

बड़े दौरे के लक्षण और अंग्रेजी नाम
छोटे दौरे का नाम छोटे दौरे के लक्षण (Generalized Seizure meaning in Hindi)
एब्सेंट (पेटिट-माल) सीज़र मरीज़/बच्चा अनुत्तरदायी हो जाता है. उसकी आखें खुली रेहती है, पर वह अपने ही खयालो में खोया हुआ लगता है.
मायो-क्लोनिक सीज़र अचानक एक ही बार पूरा शरीर झटकता है, मानो आधे सेकंड के लिए कोई बिजली का करंट लगा हो.
स्पासम पूरा शरीर चंद सेकंड के लिए सख्त हो जाता है.

एब्सेंट (पेटिट-माल) सीज़र का एक उधारण मैंने आपको पाहिले दिखाया था, जिसमे लाल कमीज़ में का लड़का अनुत्तरदायी हो जाता है.

स्पासम सीज़र बच्चों में होते है. ये देखिये TSC alliance द्वारा बनाया गया एक वीडियो:

छोटे और बड़े दोनों ही दौरों में होने वाले लक्षण:

थोड़े लक्षण दोनों प्रकार के दौरों में हो सकते है – जैसे के हाथ-पाँव कड़क हो जाना या फिर जोर-जोर से हिलना.

जब अनियंत्रीत इलेक्ट्रिसिटी के एक ही हिस्से तक सिमित रहती है (छोटा दौरा), तब सिर्फ शरीर का एक ही भाग हिलता है.

जब ये अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी सारे दिमाग में फ़ैल जाती है (बड़ा दौरा) तो यही लक्षण पुरे शरीर में दिखाई देते है.

ऐसे दौरों के नाम है टोनिक सीज़र, क्लोनिक सीज़र इत्यादि. इनके बारे में विस्तार में पढ़ने के लिए निचे के क्रॉस वाले चिन्ह को दबाये:

छोटे और बड़े दौरों के लक्षण और अंग्रेजी नाम
छोटे और बड़े दौरे का नाम लक्षण
टोनिक सीज़र शरीर या एक भाग या तो फिर पूरा शरीर सख्त हो जाता है. ये थोड़े हद तक स्पासम की तरह होता है.
क्लोनिक सीज़र शरीर का एक भाग या तो फिर पूरा शरीर जोर-जोर से हिलने लगता है
टोनिक-क्लोनिक सीज़र शरीर थोड़ी देर सख्त होता है, फिर १०-१५ सेकंड बाद जोर-जोर से हिलने लगता है
ए-टोनिक सीज़र अचानक से शरीर के एक भाग का या फिर पुरे शरीर की ताकत चली जाती है.
ड्रॉप – एटेक मरीज़/बच्चा अचानक से निचे गिर जाता है.

अब तो आप Seizure meaning in Hindi में माहिर हो गए हो!

अब, सीज़र की जांच के बारे में पढ़ते है.

Epilepsy surgery cost in

कभी-कभी, मिर्गी को दवाओं से नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। इन रोगियों को अपने दौरे को रोकने के लिए मिर्गी की सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। आप भारत में मिर्गी सर्जरी की लागत की गणना करने के लिए यहां क्लिक कर सकते हैं – [ Epilepsy surgery cost in India ].

संक्षेप में

१. Seizure meaning in Hindi होता है मिर्गी का दौरा होता है.

२. हमारे दिमाग के हिस्से एक-दूसरे से नियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी के द्वारा बात कर है.

३. अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी से सीज़र के दौरे होते है.

४. जब ये अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी दिमाग के एक छोटे हिस्से में होती है, तो उसे छोटा दौरा (फोकल सीज़र – Focal Seizure) कहते है.

५. जब अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी पुरे दिमाग में फैलती है, तो उसे बड़ा दौरा (जनरलाईड सीज़र – Generalized Seizure) कहते है.

६. छोटे और बड़े दौरों के लक्षण विस्तार में ऊपर बताये गए है.

जैसे आप बाद में, Epilepsy meaning in Hindi (मिर्गी का अर्थ) लेख में पढ़ेंगे:

१. ऍम-आर-आय दिमाग की तस्वीर लेता है. “३ टेस्ला” ऍम-आर-आय अति-उत्तम होता है.

२. इ-इ-जी दिमाग के इलेक्ट्रिसिटी को नापता है.

३. सीज़र/एपिलेप्सी के उपचार के लिए कई दवाइयां उपलब्ध है.

४. अगर २-३ दवाइयां असफल हो,तो सीज़र सर्जरी या वेगस-नर्व-स्टिमुलेटर (VNS) के बारे में सोचना चाहिए.

११. सीज़र सर्जरी या VNS की १००% गारंटी पूरी दुनिया में कोई नहीं दे सकता. पर ध्यान से, मन लगाकर ये उपचार करने से काफी मरीज़ों को बहोत लाभ होता है.

सीज़र दौरे का अर्थ (Seizure meaning in Hindi) है दिमाग में इलेक्ट्रिसिटी अनियंत्रित होने से अजीब लक्षण होना.

हम सब को ये पता है के सीज़र के दौरे में  शरीर जोर-जोर से हिल सकता है.

पर क्या आप जानते है के इस अनियंत्रित एलेक्ट्रिक्ट्य से कोई भी लक्षण हो सकते है?

इनमे से कई सीज़र के लक्षणों को नाम दिया गया है. सीज़र के ऐसे १०० से अधिक लक्षण है जिनका नाम है.

अक्सर सीज़र के इन अन्य लक्षणों को नज़रअंदाज़ किया जाता है. ऐसे होता है, क्यों के अधिकाशं लोगों को सीज़र दौरे का अर्थ पता नहीं होता.

सीज़र दिमाग के किस भाग में है, इसके आदर पर इन लक्षणों को २ प्रकारों में बाटा गया है:

सीज़र के २ मुख्य प्रकार
१ . फोकल सीज़र – छोटा सीज़र जो दिमाग के एक छोटे से भाग से शुरू होता है, और अक्सर वहीँ पर सिमित रहता है.
२ . जनरलाइज़्ड सीज़र – बड़ा सीज़र दो पुरे दिमाग में अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी की अगणित चिंगारियां जलाता है.

सीज़र के दौरे का अर्थ पूरी समझने हमें इन चीज़ों को जानना होगा:

  1. सीज़र के दौरे क्यों होता है?
  2. सीज़र के दौरे के लक्षण क्या होते है?
  3. सीज़र के दौरे का निदान कैसे होता है?
  4. सीज़र के दौरे का उपचार क्या है?

अगर सीज़र के दौरे बार-बार होते है, आपके दिमाग को सीज़र होने की आदत होती है – तो इस बीमारी को एपिलेप्सी कहते है.

सीज़र के दौरे के बारे मैं पढ़ने के बाद, यहाँ  वापस आकर ये दबाए: ( Meaning of Epilepsy in Hindi – मिर्गी की बीमारी का अर्थ )

हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है. इसीलिए,अधिकांश लोगो को दौरे का अर्थ हिंदी में (Seizure meaning in Hindi) समझाने का ये प्रयास है.आइये, सीज़र का अर्थ (Seizure meaning in Hindi) समझते है!

मैं डॉ सिद्धार्थ खरकर, ठाणे में एक न्यूरोलॉजिस्ट (Neurologist in Thane) हूं। मैं मुंबई में एक न्यूरोलॉजिस्ट (Neurologist in Mumbai) के रूप में भी काम करता हूं। मैं (Epilepsy specialist in India) भारत में मिर्गी विशेषज्ञ हूं, भारत में मिर्गी की सर्जरी (Epilepsy surgery in India) करता हूं।

आइए, पढ़ते हैं इन अहम बातों के बारे में।

हमारे दिमाग का नियंत्रित काम

हमारा दिमाग इलेक्ट्रिसिटी और रसायनो पे चलता है.

हमारे दिमाग के अलग-अलग हिस्से अलग-अलग कार्य करते है.

जब हमारे दिमाग का एक भाग किसी और भाग को संकेत देना चाहता है, तो वो इलेक्ट्रिसिटी का एक छोटा सा करंट वहां भेजता है.

ऐसे करोडो छोटे-छोटे करंट हमारे दिमाग में लगातार बहते है.

ये सारे ही करंट नियंत्रित होते है.

जब आप चाहते हो, तब ही आप का दिमाग हाथ हिलने का संकेत भेजता है. जब आप चाहते हो, तब ही आपका दिमाग मुँह से आवाज़ निकालता है.

फोकल सीज़र का दौरा क्यों होता है (Focal Seizure meaning in Hindi)?

अब सोचिये अगर दिमाग के कोई दो छोटी वायर एक दूरसे के ऊपर चिपक जाये. इसे अंग्रेजी में क्रॉस-कनेक्शन कहते है.

तो फिर क्या होगा?

हाँ. वहां की इलेक्ट्रिसिटी अनियंत्रित हो जायेगी. इलेक्ट्रिसिटी बिना वजह फड़-फडाने लगेगी.

जब दिमाग के एक ही भाग में अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी होती है, तो उसे फोकल सीज़र या फिर “छोटी सीज़र का दौरा” कहते है.

जब ये अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी दिमाग के एक भाग तक सिमित होती है, तब बारीक़ लक्षण होते है. जैसे:

  • अगर दिमाग के उस भाग में इलेक्ट्रिसिटी अनियंत्रित होती है, जो हाथ हिलता है, तो हमारा हाथ अपने-आप फड़फड़ाने लगता है.
  • अगर दिमाग के सुगंध के भाग में इलेक्ट्रिसिटी अनियंत्रित होती है, तो हमें बिना-वजह बहोत अच्छी, या फिर बहोत गंदी बास आने लगती है.

जैसे, डॉक्टर जनक पटेल ने पोस्ट किया हुआ ये वीडियो देखे। इस मरीज़ को फोकल सीज़र हो रहा है, जिसके कारन उनका सिर्फ बायां पैर हिल रहा है.

इसे अंग्रेजी में “Focal Seizure” कहते है. आप इसे हिंदी में “छोटा दौरा” कह सकते है.

बड़ा सीज़र का दौरा क्यों होता है (Generalized Seizure meaning in Hindi)?

एक बादल की तरह, कभी कभी ये अनियंत्रित इलेक्ट्रिक १०-१५ सेकंड में पुरे दिमाग में फ़ैल जाती है.

ऐसा हर बार नहीं होता. मगर जब ये होता है, तब पूरा शरीर जोर-जोर से हिलता है.

जब अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी पुरे दिमाग में फैलती है, तो उसे जनरलाइसीड सीज़र या फिर “बड़ा सीज़र का दौरा” कहते है.

आदमी का होश खो जाता है, और कभी-कभी वह जबान काट लेता है. आँखे खुली होती है. अक्सर बड़े दौरे में मरीज़ अपने पिसाब या संडास पे संतुलन खो देता है.

जैसे, इस व्यक्ति को देखिये. पुरे दिमाग में अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी फैलने के कारण इनका पूरा शरीर जोर-जोर से हिल रहा है.

सीज़र का बड़ा दौरा आम तोर पे सिर्फ १-२ मिनिट लम्बा होता है.

ऐसे बड़े दौरे के बात, आदमी थक जाता है. उसे पूरी तरह ठीक होने में २० मिनिट से भी ज़्यादा लग सकते है.

इसे अंग्रेजी में “Generalized Seizure” कहते है. आप इसे हिंदी में “बड़ा दौरा” कह सकते है.

सीज़र में इलेक्ट्रिसिटी अनियंत्रित क्यों हो जाती है?

थोड़ी गहराई में जाते है.

Seizure meaning in Hindi आपको जल्द से समझने के लिए मेंने कहा था की क्रॉस-कनेक्शन से इलेक्ट्रिसिटी अनियंत्रित होती है.

ये क्रॉस-कनेक्शन के असली कारन समझना थोड़ा पेचीदा है. इसलिए में इनके बारे में सिर्फ संक्षेप में बात करूँगा. अगर आपको सीज़र के कारणों में और भी संशोधन करना है, तो यहाँ दबाए [डॉ बालेस्ट्रिनी ने लिखा हुआ लेख, अंग्रेजी में].

कारण १. पेशियों की सुरंगों में बिघाड: दिमाग की पेशियों में परमणु अंदर-बहार जाने के लिए बारीक़ सुरंग होती है. अगर इनमे से एक सुरंग बिघड जाए, तो सीज़र की बीमारी हो सकती है.

कारण २. बच्चे का कोक में अनियमित विकास: हमारा दिमाग कोक में पूरी तरह बन जाता है. अगर इस वक़्त दिमाग के उत्थान में कोई समस्या हो जाये, तो सीज़र की बीमारी हो सकती है.

गर्भावस्था और मिर्गी हिंदी में

कारण ३. खून में ख़राब रसायन: कभी-कभी लिवर या किडनी की बीमारी के कारण खून में ख़राब रसायन जामा हो जाते है. इनसे सीज़र की बीमारी हो सकती है.

कारण ४: जनम के बाद दिमाग को चोट: यदि दुर्घटना के कारण, ब्रेन-ट्यूमर के कारण, लकवे के कारण दिमाग को भरी चोट होती है, तो इससे सीज़र हो सकते है.

सीज़र के अन्य लक्षण

सीज़र के कई लक्षण हो सकते है.

मगर दिमाग के थोड़े भागों  में सीज़र अक्सर होता है. इसीलिए इन भागों से होने वाले लक्षण अक्सर दिखाई देते है.

अक्सर दिखाई देने वाले सीज़र के लक्षण
  1. गन्दी बदबू या फिर बहोत ज़्यादा मीठी सुगंध
  2. गन्दा स्वाद – थोड़े लोगों को तो मुँह में खून या धातु का स्वाद आता है.
  3. अचानक बहोत ज़्यादा डर या व्याकुलता
  4. स्मृति के विकार – जैसे मरीज़ को लगता है के ऐसा तो मेरे साथ हुआ है!
  5. अचानक दृश्य-भास् (दुःस्वप्न) होना
  6. शरीर के भाग/हाथ या पाँव में झुनझुनी
  7. शरीर के भाग/हाथ या पाँव में कंपन
  8. अपनी ही दुनिया में खो जाना, अनुत्तरदायी हो जाना.

जैसे, इस लड़के  को देखिये. ये बिच में ही कहीं खो जाती है, इसे दृश्य-भास् (दुःस्वप्न) हो जाता है:

यू-ट्यूब – डॉक्टर राजीव गुप्ता के द्वारा वीडियो:

मगर जैसे मेंने कहा, सीज़र में कोई भी लक्षण हो सकते है. तो ये है सीज़र के असामान्य लक्षण:

सीज़र के असामान्य लक्षण
  1. अचानक बिना वजह गुस्सा
  2. अचानक बिना वजह बहुत ज़्यादा ख़ुशी या बहुत ज़्यादा दुःख.
  3. शरीर से बहार तैरने का एहसास
  4. अचानक से मतली/उलटी का एहसास
  5. अचानक से पिसाब करने की इच्छा होना
  6. चक्कर
  7. आवाज़े सुनाई देने के भास होना
  8. तेज़ी से आँखे फड़फड़ाना

सीज़र के दौरे के अंग्रेजी में इतने-सारे नाम क्यों है?

अब आप Seizure meaning in Hindi (मतलब दौरे का अर्थ) जान गए हो. सरल शब्दों में लक्षणों का वर्णन करने से अर्थ साफ़ रहता है.

पर डॉक्टरों को तो इतने सरल नामो से संतुष्टि नहीं होती!!!

मज़ाक छोड़ा जाए, तो फिर भी अंग्रेजी के जटिल शब्दों की जरूरत अक्सर नहीं होती. पर ये शब्द आपको सीज़र के लक्षण बताने में मेरी मदत करेंगे.

नामो से भी ज़्यादा, आपको  सीज़र के लक्षण पर ध्यान देना है. ताकि अगर आपको, या आपके परिवार में किसीको ऐसे लक्षण हो तो आप उन्हें पहचान पाए.

सीज़र के दौरे के एकदम सरल नाम रखे. इससे आपको डॉक्टर से बात करने में आसानी होगी।

सीज़र दौरे के दौरान जो लक्षण होते है, उनके आधार पर छोटे दौरों को अन्य वैज्ञानिक नाम दिए गए है:

(Focal Seizures) छोटे दौरे के लक्षण और नाम

जैसे हमने समझा, छोटे दौरे दिमाग के एक ही हिस्से में होते है. इससे छोटे लक्षण होते है.

Focal Seizure meaning in Hindi जानने के लिए ये छोटे लक्षण जानना जरूरी है.

इन छोटे दौरों के अंग्रेजी नाम है ऑटोमाटिस्म, डेजा-वू इत्यादि. इनके बारे में विस्तार में पढ़ने के लिए निचे के क्रॉस वाले चिन्ह को दबाये:

छोटे लक्षणों के लक्षण और अंग्रेजी नाम
छोटे दौरे का नाम छोटे दौरे के लक्षण (Focal Seizure meaning in Hindi)
ऑटोमेटिस्म मरीज़ स्वचालित रूप से चीज़े करने लगता है – जैसे हाथों को मसलना, जीभ अंदर-बहार करना, चटकारे लेना (lip smacking seizure) इत्यादि
डिसोसिएटिव सीज़र मरीज़ अपने ही खयालो में खो जाता है. वह अनुत्तरदायी हो जाता है.
डेजा-वू सीज़र मरीज़ को अजीब लगता है. उसको ख्याल आता है  “अरे! ये तो मेरे साथ हुआ है”
जामे-वू सीज़र मरीज़ को अजीब लगता है. उसे पाहिले भी सीज़र का दौरा आये हुए होते है, मगर उसके बाबजूद उसको ख्याल आता है “अरे! ये तो सब नया-नया है”
हाइपर-कायनेटिक सीज़र मरीज़ अति-उत्तेजित हो जाता है!!! वह कोई मछली की तरह, या तो जेल के कैदी की तरह जोर-जोर से चिल्लाता है, हिंसक प्रकार से बलपूर्वक और तेज़ हाथ-पैर जटकटा है!
डेकरी-सिस्टिक सीज़र मरीज़ बिना-वजह रोने लगता है
गेलास्टिक सीज़र मरीज़ बिना-वजह हसने लगता है

जैसे, इस लड़की को देखिये. खेलते-खेलते ये कहीं खो जाती है, और उसकी दायनी आँख फड़कने लगती है. इसे ऑटोमेटिस्म कहते है – ये एक प्रकार का सीज़र का दौरा है.

कितना आसान है ऐसे असामान्य सीज़र के लक्षण देखकर उनका मज़ाक उड़ाना! कितना आसान है बेचारे मरीज़ का बिना वजह मज़ाक उड़ाना!

ऐसे न करिये. सीज़र के लक्षण पहचानिये. उनका जल्द-से-जल्द उचित उपचार कीजिये.

(Generalized Seizures) बड़े दौरे के लक्षण और नाम

जैसा हमने जाना, बड़े दौरे दिमाग में सब तरफ इलेक्ट्रिसिटी का तूफान फ़ैल जाने के कारण होती है.

अपेक्षित रूप से, बड़े दौरे के लक्षण भी बड़े होते है.

फिरसे, नामो की जगह सीज़र के लक्षणों पर ध्यान दे. ये लक्षण समझना generalized Seizure meaning in Hindi जानने के लिए जरूरी है.

इन बड़े दौरों के अंग्रेजी नाम है एब्सेंट सीज़र, मायोक्लोनिक  सीज़र इत्यादि. इनके बारे में विस्तार में पढ़ने के लिए निचे के क्रॉस वाले चिन्ह को दबाये:

बड़े दौरे के लक्षण और अंग्रेजी नाम
छोटे दौरे का नाम छोटे दौरे के लक्षण (Generalized Seizure meaning in Hindi)
एब्सेंट (पेटिट-माल) सीज़र मरीज़/बच्चा अनुत्तरदायी हो जाता है. उसकी आखें खुली रेहती है, पर वह अपने ही खयालो में खोया हुआ लगता है.
मायो-क्लोनिक सीज़र अचानक एक ही बार पूरा शरीर झटकता है, मानो आधे सेकंड के लिए कोई बिजली का करंट लगा हो.
स्पासम पूरा शरीर चंद सेकंड के लिए सख्त हो जाता है.

एब्सेंट (पेटिट-माल) सीज़र का एक उधारण मैंने आपको पाहिले दिखाया था, जिसमे लाल कमीज़ में का लड़का अनुत्तरदायी हो जाता है.

स्पासम सीज़र बच्चों में होते है. ये देखिये TSC alliance द्वारा बनाया गया एक वीडियो:

छोटे और बड़े दोनों ही दौरों में होने वाले लक्षण:

थोड़े लक्षण दोनों प्रकार के दौरों में हो सकते है – जैसे के हाथ-पाँव कड़क हो जाना या फिर जोर-जोर से हिलना.

जब अनियंत्रीत इलेक्ट्रिसिटी के एक ही हिस्से तक सिमित रहती है (छोटा दौरा), तब सिर्फ शरीर का एक ही भाग हिलता है.

जब ये अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी सारे दिमाग में फ़ैल जाती है (बड़ा दौरा) तो यही लक्षण पुरे शरीर में दिखाई देते है.

ऐसे दौरों के नाम है टोनिक सीज़र, क्लोनिक सीज़र इत्यादि. इनके बारे में विस्तार में पढ़ने के लिए निचे के क्रॉस वाले चिन्ह को दबाये:

छोटे और बड़े दौरों के लक्षण और अंग्रेजी नाम
छोटे और बड़े दौरे का नाम लक्षण
टोनिक सीज़र शरीर या एक भाग या तो फिर पूरा शरीर सख्त हो जाता है. ये थोड़े हद तक स्पासम की तरह होता है.
क्लोनिक सीज़र शरीर का एक भाग या तो फिर पूरा शरीर जोर-जोर से हिलने लगता है
टोनिक-क्लोनिक सीज़र शरीर थोड़ी देर सख्त होता है, फिर १०-१५ सेकंड बाद जोर-जोर से हिलने लगता है
ए-टोनिक सीज़र अचानक से शरीर के एक भाग का या फिर पुरे शरीर की ताकत चली जाती है.
ड्रॉप – एटेक मरीज़/बच्चा अचानक से निचे गिर जाता है.

अब तो आप Seizure meaning in Hindi में माहिर हो गए हो!

अब, सीज़र की जांच के बारे में पढ़ते है.

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कभी-कभी, मिर्गी को दवाओं से नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। इन रोगियों को अपने दौरे को रोकने के लिए मिर्गी की सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। आप भारत में मिर्गी सर्जरी की लागत की गणना करने के लिए यहां क्लिक कर सकते हैं – [ Epilepsy surgery cost in India ].

संक्षेप में

१. Seizure meaning in Hindi होता है मिर्गी का दौरा होता है.

२. हमारे दिमाग के हिस्से एक-दूसरे से नियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी के द्वारा बात कर है.

३. अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी से सीज़र के दौरे होते है.

४. जब ये अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी दिमाग के एक छोटे हिस्से में होती है, तो उसे छोटा दौरा (फोकल सीज़र – Focal Seizure) कहते है.

५. जब अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी पुरे दिमाग में फैलती है, तो उसे बड़ा दौरा (जनरलाईड सीज़र – Generalized Seizure) कहते है.

६. छोटे और बड़े दौरों के लक्षण विस्तार में ऊपर बताये गए है.

जैसे आप बाद में, Epilepsy meaning in Hindi (मिर्गी का अर्थ) लेख में पढ़ेंगे:

१. ऍम-आर-आय दिमाग की तस्वीर लेता है. “३ टेस्ला” ऍम-आर-आय अति-उत्तम होता है.

२. इ-इ-जी दिमाग के इलेक्ट्रिसिटी को नापता है.

३. सीज़र/एपिलेप्सी के उपचार के लिए कई दवाइयां उपलब्ध है.

४. अगर २-३ दवाइयां असफल हो,तो सीज़र सर्जरी या वेगस-नर्व-स्टिमुलेटर (VNS) के बारे में सोचना चाहिए.

११. सीज़र सर्जरी या VNS की १००% गारंटी पूरी दुनिया में कोई नहीं दे सकता. पर ध्यान से, मन लगाकर ये उपचार करने से काफी मरीज़ों को बहोत लाभ होता है.

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Epilepsy meaning in Hindi (मिर्गी का अर्थ) अर्थ है, बार-बार सीज़र का दौरा होने की बीमारी.

कृपया ये लेख पढ़ने से पाहिले, Seizure meaning in Hindi (सीज़र के दौरे का अर्थ) का लेख जरूर पड़े. सीज़र दौरे का अर्थ जानने के बाद ही, आप एपिलेप्सी शब्द का अर्थ जान पाएंगे.

मिर्गी की बीमारी के दो मुख्य प्रकार है:

मिर्गी के २ प्रकार
१. फोकल सीज़र – छोटा सीज़र जो दिमाग के एक छोटे से भाग से शुरू होता है, और अक्सर वहीँ पर सिमित रहता है।

२. जनरलाइज़्ड सीज़र – बड़ा सीज़र जो पूरे दिमाग में अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी की अगणित चिंगारियां जलाता है।

मिर्गी की बीमारी होने पर २ जांच किये जाते है:

मिर्गी की २ जांच
१. MRI – दिमाग की एक तस्वीर

२. EEG – दिमाग के इलेक्ट्रिसिटी की जांच

मैं डॉ सिद्धार्थ खरकर, ठाणे में एक न्यूरोलॉजिस्ट (Neurologist in Thane) हूं। मैं मुंबई में एक न्यूरोलॉजिस्ट (Neurologist in Mumbai) के रूप में भी काम करता हूं। मैं (Epilepsy specialist in India) भारत में मिर्गी विशेषज्ञ हूं, भारत में मिर्गी की सर्जरी (Epilepsy surgery in India) करता हूं।

सीज़र का दौरा और एपिलेप्सी (मिर्गी) में फरक:

जैसे, इस व्यक्ति को देखिये. पुरे दिमाग में अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी फैलने के कारण इनका पूरा शरीर जोर-जोर से हिल रहा है.

सीज़र का बड़ा दौरा आम तोर पे सिर्फ १-२ मिनिट लम्बा होता है.

सीज़र का दौरा होना एक घटना है. दौरा एक या दो मिनिट तक रहता है, और फिर चला जाता है. मरीज़ १०-२० मिनिट में ठीक-ठाक हो जाता है.

मगर ऐसा अगर बार-बार होता है, तो फिर ये किस बात का संकेत है?

ऐसा होना इस बात का संकेत है, के आपके दिमाग को सीज़र होने की प्रवृत्ति है.

इस प्रवृत्ति को, इस बार-बार सीज़र होने की आदत को अंग्रेजी में “एपिलेप्सी” कहते है. हिंदी में इसीको “मिर्गी का रोग” कहते है.

फरक अब साफ़ है:

  • एपिलेप्सी (मिर्गी) बीमारी का नाम है.
  • बार-बार होने वाली घटना को दौरा (सीज़र) कहते है.

अब आप जान चुके होंगे, के Epilepsy meaning in Hindi (मिर्गी का अर्थ) और Seizure meaning in Hindi (सीज़र के दौरे का अर्थ) के दो अलग-अलग लेख क्यों है.

किसी व्यक्ति को सीज़र ही होता है, ये कैसे पता लगते है?

कई आकस्मिक बीमारियां सीज़र की तरह दिखाई पड़ सकती है. जैसे अगर आपके दिमाग को ह्रदय की बीमारी की वजह से अचानक खून ना मिले, तो आप आकस्मिक रूप से बेहोश हो सकते है! अगर आपको पैरासोमनिआ नाम की बीमारी है, तो आप रात को सपने देख कर चिल्लाते हुए उठ सकते है!

लेकिन याद कीजिये: सीज़र का दौरा दिमाग में अनियंत्रत इलेक्ट्रिसिटी के कारन होता है. इन अन्य कारणों में ऐसी अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी नहीं होती.

पर जब मरीज़ दवाखाने में डॉक्टर से मिलता है, तो डॉक्टर उन्हें कई छोटी छोटी चीज़े पूंछता है. अगर मरीज़ को ऐसे दौरे हो रहे है जिनमे:

  • पूर्व-संकेत होता है (जैसे दुर्गन्ध, या बहोत डर, या दृश्य-भास, या कप-कपि)
  • १-२ मिनिट मरीज़ अनुत्तरदायी हो जाता है
  • १-२ मिनिट तक शरीर जोरो से हिलता है, मगर आँखे खुली रहती है
  • घटना ख़तम हो जाने के बाद, मरीज़ को १५-४५ में ठीक होने में लगते है

तो ये सीज़र के दौरे होने की सम्भावना ज़्यादा, और कोई और बीमारी होने की सम्भावना कम होती है.

कभी-कभी, डॉक्टर भी नहीं बता सकते के मरीज़ की घटनाए सीज़र के दौरे है, या कोई और बीमारी. ऐसे समय पर, लॉन्ग-टर्म-वीडियो-EEG करवाना चाहिए.

किसी व्यक्ति को एपिलेप्सी (मिर्गी) की बीमारी है ये कैसे पता लगता है?

Epilepsy meaning in Hindi (मिर्गी का अर्थ) मैं आपको बिलकुल सरल शब्दों में बताता हूँ.

समझिये के आप डॉक्टर है, और में मरीज़.

समझिये के मुझे बार-बार सीज़र का दौरा आता है. तो आप कहेंगे के ये बात साफ़ है मेरे दिमाग को बार-बार सीज़र होने की प्रवृत्ति है. आप कहेंगे के मुझे “एपिलेप्सी (मिर्गी)” है. और आप मुझे फिरसे सीज़र का दौरा ना होने की दवाइयां देंगे.

मगर समझिये मुझे एक ही बार, या पहिली बार सीज़र का दौरा आता है. फिर?

अब में तो आपसे कहूंगा ना, के भाई:

“अब क्या अगले दौरे की राह देखु ? कोई तो जांच होगी आप के पास, जिससे मेरे दिमाग को फिरसे सीज़र होने की प्रवृत्ति है के नहीं वह पता लग पाए ???”

और मेरी बात सही भी होगी. ऐसे टेस्ट्स/परिक्षण हमारे पास उपलब्ध है. इनमे दो मुख्या है, एम-आर-आय (MRI) और इ-इ-जी (EEG).

EEG applied patient

ये परिक्षण हर उस व्यक्ति में किये जाते है, जिनको सीज़र का दौरा होता है.

  • अगर आपको एपिलेप्सी (मिर्गी) की बीमारी है तो ये परिक्षण उसका कारण ढूंढ सकते है.
  • अगर आपको एक ही बार सीज़र का दौरा हुआ हो, तो ये परिक्षण आपको फिरसे दौरा होने की सम्भावना (एपिलेप्सी/मिर्गी) है के नहीं बता सकते है.

पर इनके बारे में बात करने से पाहिले, आइये Epilepsy meaning in Hindi (मिर्गी का अर्थ) पूरी तरह समझने एपिलेप्सी के प्रकार समझे.

एपिलेप्सी के प्रकार (Types of Epilepsy meaning in Hindi)

आइये types of Epilepsy meaning in Hindi – मिर्गी के प्रकार, हिंदी में – जानते है.

एपिलेप्सी के प्रकार समझने से पाहिले, आपको Seizure meaning in Hindi (सीज़र दौरे का अर्थ) का लेख पढ़ना पड़ेगा.

जिस प्रकार के सीज़र होते है, मरीज़ को उस प्रकार की एपिलेप्सी (मिर्गी) का नाम दिया जाता है. उदहारण के तोर पर:

सीज़र का नाम एपिलेप्सी का प्रकार
एब्सेंट (पेटिट-माल) सीज़र एब्सेंट एपिलेप्सी (या आबसाँस एपिलेप्सी)
मायो-क्लोनिक सीज़र मायो-क्लोनिक एपिलेप्सी
अगर मरीज़ में यही बीमारी किशोर आयु (१०-१८ साल) की उम्र में शुरू होती है तो इसे “जुवेनाइल मायो-क्लोनिक एपिलेप्सी” (JME) कहते हैं।
गेलास्टिक सीज़र गेलास्टिक एपिलेप्सी

जैसे, इस लड़के  को देखिये. ये बिच में ही कहीं खो जाती है, इसे दृश्य-भास् (दुःस्वप्न) हो जाता है. इसे आबसाँस एपिलेप्सी कहते है.

यू-ट्यूब – डॉक्टर राजीव गुप्ता के द्वारा वीडियो:

कभी-कभी एपिलेप्सी (मिर्गी) का नाम दिमाग के कौनसे हिस्से से सीज़र (दौरे) आ रहे है उस पर निर्भर होता है.

दिमाग के चार मुख्य हिस्से होते है –

  • आँखों के ऊपर “फ्रंटल लोब”
  • कानो के निचे “टेम्पोरल लोब”
  • और पीछे की तरफ “परायटल लोब” और “ऑक्सिपिटल लोब”
सीज़र का नाम एपिलेप्सी का प्रकार
डेजा-वू सीज़र
जामे-वू सीज़र
ऐसे सीज़र के दौरे अक्सर “टेम्पोरल लोब” से आने वाली एपिलेप्सी, यानी के “टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी” में होते हैं।
हाइपर-कायनेटिक सीज़र ऐसे सीज़र के दौरे अक्सर “फ्रंटल लोब एपिलेप्सी” में होते हैं।
कभी-कभी ये “टेम्पोरल एपिलेप्सी” या “परायटल लोब एपिलेप्सी” से भी हो सकते हैं।
गेलास्टिक सीज़र ऐसे सीज़र के दौरे अक्सर “टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी” में होते हैं।
eyes

इत्यादि…

और आखिरकार, थोड़े लोगों को कई अलग-अलग प्रकार के सीज़र हो सकते है. थोड़े लोगों में, एपिलेप्सी के नाम अन्य चीज़ो पे – जैसी की दिमाग की सोचने की क्षमता, अनुवांशिकता इत्यादि पे निर्भर होते है.

उधारण के तोर पे:

एपिलेप्सी का प्रकार मतलब
स्टुर्ग़ – वेबर सिंड्रोम इसमें बच्चे को सीज़र के दौरों के अलावा चेहरे पे लाल डाग भी होता है।
लेंनोक्स-गस्टाउट सिंड्रोम बच्चे को अलग-अलग प्रकार के सीज़र होते हैं (टॉनिक, ए-टॉनिक, मयोक्लोनिक, ड्रॉप-अटैक इत्यादि) और इन्हें काबू में करना मुश्किल होता है।
लैंडो-क्लेफनर सिंड्रोम इसमें बच्चे को सीज़र के दौरों के अलावा बात करने की क्षमता भी धीरे-धीरे जाने लगती है।
वक्त पर एपिलेप्सी का उपचार न किया जाए, तो बच्चा गूंगा होने से बच नहीं पाता!

ऐसे अनेक एपिलेप्सी के नाम है, और कई अनेक हर ५ सालों में नए नाम उभर कर आते है. अगर आप इन नामो का विस्तार में अभ्यास करना चाहते है, तो यहाँ दबाए: [अलग वेबसाइट पे विस्तार में लिखा हुआ लेख, अंग्रेजी में]

सीज़र के दौरे की जांच (Investigation of Epilepsy meaning in Hindi)

Epilepsy meaning in Hindi (मिर्गी का अर्थ) का सही अर्थ क्या है, ये जानने के लिए इसकी जांच भी पता होनी चाहिए.

अगर किसीको सीज़र का दौरा आता है, तो कम से कम दो परिक्षण करने चाहिए:

१) एम-आर-आय (MRI – Magnetic Resonance Imaging)

एम-आर-आय एक मशीन होती है, जो दिमाग की बारीक तस्वीर खींचती है.

ये देखिये एम-आर-आय मशीन:

MRI Machine

एम-आर-आय से दिमाग की बारीक चीज़े दिखती है. एम-आर-आय से दिमाग की रचना में विकृति हो, बचपन में बड़ी चोट लगी हो, मस्तिष्क का ट्यूमर इत्यादि सारी चीज़े दिखाई देती है.

ऐसी चीज़ो के उधारण देखिये.

तीन बातें समझने जैसी है:

१. एम-आर-आय सब जगह उपलब्ध नहीं होता. इसलिए थोड़े डॉक्टर दिमाग की तस्वीर निकलने के लिए सी-टी स्कैन का उपयोग करते है. पर सी-टी की तस्वीर एम-आर-आय जितनी बारीक नहीं होती. इसीलिए मेरी राय में, हर एपिलेप्सी/सीज़र के मरीज़ ने एम-आर-आय निकलवाना चाहिए.

२. “३ टेस्ला” नाम का एम-आर-आय आम तौर के एम-आर-आय से अच्छी तस्वीरें लेता है.

३. एम-आर-आय भी अति-सूक्ष्म चीज़े नहीं देख सकता. सीज़र/एपिलेप्सी के ५०% मरीज़ों में एम-आर-आय नॉर्मल दिखाई पड़ता है. नॉर्मल एम-आर-आय एक खुश खबरि है. इसका मतलब ये है के आपके दिमाग की तकलीफ इतनी छोटी है, के वह एम-आर-आय पर भी नहीं नज़र आ रही!

२) इ-इ-जी (EEG)

इ-इ-जी दिमाग के इलेक्ट्रिसिटी को नापता है.

EEG can help to differentiate between Epileptic and Non-Epileptic seizures (PNES)
Video EEG

अगर किसी जगह की इलेक्ट्रिसिटी अनियंत्रित है, तो वह इ-इ-जी पर दिखाई देती है.

ये देखिये, एक मरीज़ पर इ-इ-जी होते हुए.

इसमें भी, तीन बातें समझने जैसी है:

१. इ-इ-जी सिर्फ इलेक्ट्रिसिटी को नापता है. इस मशीन में ना तो कोई इलेक्ट्रिसिटी बनती है, और ना ही दिमाग को कोई तकलीफ होने का डर रहता है.

२. इ-इ-जी दिमाग के अति-सूक्ष्म इलेक्ट्रिसिटी को नाप नहीं सकता. सीज़र/एपिलेप्सी के ५०% मरीज़ों में इ-इ-जी भी नॉर्मल दिखाई पड़ता है.

३. लम्बा इ-इ-जी (उधारणार्थ ४ घंटे का इ-इ-जी) करने से अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी को ताड़ने की क्षमता बढ़ जाती है.

४. इ-इ-जी के पूर्व-रात्रि कम सोने से अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी को ताड़ने की क्षमता बढ़ जाती है. पर ऐसा तभी करे, अगर आपको आपके डॉक्टर ने इ-इ-जी के पाहिले कम सोने को कहा हो.

Girl watching tv
अन्य परिक्षण:

आम तौर पे सीज़र/मिर्गी के लिए इससे ज़्यादा परिक्षण की जरूरत नहीं होती.

थोड़े बच्चों को खून में रसायनो कम-ज़्यादा होने से सीज़र/दौरे की बीमारी हो सकती है. इन्हे खून के परीक्षणों की की जरूरत हो सकती है.

अगर आपका निदान स्पष्ट नहीं है या फिर आपके सीज़र दवाइयों से नियंत्रित नहीं हो रहे – तो डॉक्टर आपको लॉन्ग-टर्म-वीडियो-EEG करने कहेंगे.

doctor talking with patient

लॉन्ग-टर्म-वीडियो-EEG में मरीज़ को हॉस्पिटल में भर्ती किया जाता है. २ से ७ दिन तक उसके दिमाग की इलेक्ट्रिसिटी का एकदम गहराईसे अभ्यास किया जाता है. सीज़र/एपिलेप्सी के निदान के लिए ये सबसे बढ़िया परिक्षण है. पर क्यों के इसमें थोड़े दिन बीत जाते है, और थोड़े पैसे लग जाते है – इसलिए ये सब में इस्तमाल नहीं किया जाता.

Epilepsy meaning in Hindi (मिर्गी का अर्थ) समझने का एक और पड़ाव अपने पार कर दिया!

आइये अब इलाज के और बढ़ते है.

सीज़र के दौरे का इलाज (Treatment of Epilepsy meaning in Hindi)

Epilepsy meaning in Hindi (मिर्गी का अर्थ) अब आप जान गए, इसके लिए कौनसे परिक्षण करने है ये भी आप जान गए.

अब इलाज की ओर बढ़ते है.

१) सीज़र की दवाइयां:

आम तौर पे, सीज़र के दौरे का इलाज दवाइयों से हो जाता है.

सीज़र के लिए कई दवाइयां उपलब्ध है. अंग्रेजी में सीज़र की दवाइयों की बड़ी सूचि यहाँ दी गयी है: [यहाँ दबाए].

Tablets

इनमे, सीज़र के ये दवाइयां सबसे आम है:

अंग्रेजी और नाम टिपण्णी
Phenobarbital फिनोबार्बिटाल – उदा. गार्डीनल इत्यादि पुरानी दवाइयां. आज-कल इनका प्रयोग कम हो गया है.
Phenytoin फिनेटोइन – उदा. एपटोइन इत्यादि पुरानी दवाई और दुष्परिणाम भी हो सकते हैं. मगर क्योंकि ये बहुत सस्ती है और काफी असरदार है, इसलिए इसे आज भी डॉक्टर इस्तेमाल करते हैं.
Carbamazepine, Oxcarbazepine कार्बमेंजेपीन, ऑक्सकार्बजेपीन – उदा. तेग्रीटेल, ऑक्सिटोल इत्यादि नयी दवाइयां. उचित मरीज़ों में बहुत प्रभावी.
Valproate वेलप्रोएट – उदा. दीपकोटे, वाल्परिन इत्यादि नयी दवाइयां. उचित मरीज़ों में बहुत प्रभावी.
Levetiracetam, Brivaracetam लेवेटीरा-सीटाम, ब्रिवारा-सीटाम – उदा. लेविपिल, लेवेरा, ब्रेविपिल, ब्रीवीएक्ट इत्यादि आधुनिक दवाइयां. बहुत कम दुष्परिणाम, पर इनसे थोड़े मरीज़ों का गुस्सा बढ़ सकता है.

आपके सीज़र के लक्षणों के आधार के अनुसार, शरीर की घटना के अनुसार, स्वभाव के अनुसार, सोचने की शक्ति के अनुसार, डॉक्टर इनमे से कोई एक या दो दवाइयां चुनता है.

फिर भी, हो सकता है के पहली दवाई का असर ना हो. फिरसे अगर डॉक्टर अच्छी तरह से सोचकर दूसरी दवाई लिखे, फिर भी हो सकता है की  फिरसे दवाई का असर ना मिले.

ये सीज़र की बीमारी का दोष है, डॉक्टर का नहीं.

ऐसे सीज़र की बीमारी को “रिफ्रैक्टरी एपिलेप्सी” कहते है. ऐसे मरीज़ों को सीज़र सर्जरी की जरूरत होती है.

अगर २-३ दवाइयों से सीज़र के दौरे बंद ना हो जाए, तो सीज़र सर्जरी के बारे में जरूर सोचना चाइये.

२) सीज़र सर्जरी (एपिलेप्सी सर्जरी)

अगर दवाइयों से सीज़र के दौरे बंद नहीं होते, तो सर्जरी के बारे में सोचना चाहिए.

सर्जरी में दिमाग के एक छोटे से भाग को निकाला जाता है, जहाँ से अनियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी का उत्पादन हो रहा है. ऐसा करने से सीज़र के दौरे रुक जाते है. दिमाग के अच्छे हिस्से बराबर से काम कर सकते है.

Brain Illustration

सीज़र-सर्जरी ध्यान लगाकर, बहोत सोच-विचार के बाद करनी होती है ताकि सर्जरी के बाद सीज़र के दौरे सच में रुक जाए.

वेगस-नर्व-स्टिमुलेटर

फिर भी थोड़े लोगों में या तो दिमाग के एक भाग को निकलना संभव नहीं होती, या फिर निकलने के बाद भी सीज़र के दौरे आते रहते है. ऐसे लोगों ने वेगस-नर्व-स्टिमुलेटर (Vagus Nerve Stimulator in Hindi – VNS) के बारे में सोचना चाहिए.

Vagus nerve stimulation

वेगस-नर्व-स्टिमुलेटर एक छोटीसी बैटरी होती है, जो छाती के चमड़ी के निचे लगायी जाती है. इससे निकलने वाली बारीक़ वायर गर्दन के चमड़ी के निचे की बारीक़ नस (वेगस) तक जाती है. इसे उपकरण को लगाने की प्रक्रिया बिलकुल छोटी होती है.

बैटरी से निकलने वाले बारीक़ करंट से दिमाग संतुलन में रहता है, और सीज़र के दौरे कम होते है. ५०% मरीज़ों में सीज़र की मात्रा ५०% से घट जाती है, और लग-भग २०% मरीज़ों में सीज़र के दौरे पूरी तरह रुक जाते है.

संक्षेप में:

१. Epilepsy meaning in Hindi (मिर्गी का अर्थ) समझने से पाहिले Seizure meaning in Hindi (सीज़र दौरे का अर्थ) का लेख पढ़ना जरूरी है.

२. सीज़र का दौरा और एपिलेप्सी (मिर्गी) अलग-अलग चीज़े है.

३. सीज़र का दौरा १-२ मिनिट लम्बी घटना को कहते है.

४. Epilepsy meaning in Hindi (मिर्गी का अर्थ) है बार-बार सीज़र होने की दिमाग के प्रवृत्ति.

५. एपिलेप्सी के अलग-अलग प्रकार है. इसके इतने प्रकार है, के इन सबके बारे में यहाँ बताना असंभव है.

एपिलेप्सी की जांच:

१. एम-आर-आय दिमाग की तस्वीर लेता है. “३ टेस्ला” एम-आर-आय अति-उत्तम होता है.

२. इ-इ-जी दिमाग के इलेक्ट्रिसिटी को नापता है.

एपिलेप्सी का उपचार:

१. सीज़र/एपिलेप्सी के उपचार के लिए कई दवाइयां उपलब्ध है.

२. अगर २-३ दवाइयां असफल हो,तो सीज़र सर्जरी, वेगस-नर्व-स्टिमुलेटर (VNS) के बारे में सोचना चाहिए.

३. सीज़र सर्जरी या VNS की १००% गारंटी पूरी दुनिया में कोई नहीं दे सकता. पर ध्यान से, मन लगाकर ये उपचार करने से काफी मरीज़ों को बहोत लाभ होता है.

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Dr. Siddharth Kharkar
Dr. Siddharth Kharkar is a globally trained neurologist in Mumbai, specializing in Epilepsy and Parkinson’s Disease. With expertise from top institutes like Johns Hopkins and UCSF, he delivers precise diagnoses, advanced treatments like DBS and Video EEG, and personalized care focused on long-term results and quicker recovery.

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