पार्किंसन रोग के उपचार – ५ असरदार दवाइयां, पार्किंसन रोग – Parkinson’s Disease in Hindi

पार्किंसन रोग के उपचार के लिए कई दवाइयां उपलब्ध है, जिनमे से सबसे मुख्य दवाई है लेवोडोपा.

पर बाकी दवाइयां भी अपनी-अपनी तरह पार्किंसन रोग के उपचार में मदत करती है.

मैं डॉ सिद्धार्थ खरकर, ठाणे में एक न्यूरोलॉजिस्ट (Neurologist in Thane) हूं। मैं मुंबई में एक न्यूरोलॉजिस्ट (Neurologist in Mumbai) के रूप में भी काम करता हूं।

मैं पार्किंसंस का उपचार प्रदान करता हूं और भारत में मिर्गी विशेषज्ञ हूं (Epilepsy specialist in India)। मैं भारत में मिर्गी की सर्जरी (Epilepsy surgery in India) और भारत में पार्किंसंस की सर्जरी प्रदान करता हूं।

आइये, पार्किंसंस रोग की दवाइयों के बारे में पढ़ते है.

पार्किंसंस रोग की दवा: लेवोडोपा

(जैसे कि Sinemet, Syndopa, Syndopa plus, Syndopa CR, Tidomet etc)

(जैसे कि सिनेमेट, सिंडोपा, सिंडोपा प्लस, सिंडोपा सीआर, टिडोमेट आदि)

पार्किंसन रोग के उपचार के लिए लेवोडोपा सबसे शक्तिशाली दवा है.

लेवोडोपा दिमाग के अंदर जाती है, और डोपामाइन में बदल जाती है! जैसा कि यहाँ बताया गया है, पार्किंसंस रोग में दिमाग  में डोपामाइन की कमी मुख्य समस्या है. तो, लेवोडोपा इस समस्या का सीधे ईलाज करती है.

पार्किंसन रोग के उपचार में लेवोडोपा सबसे असरदार दवाई है
एक बार जब यह दिमाग में जाती है, तो लेवोडोपा डोपामाइन में बदल जाती है.

आम तौर पर, लेवोडोपा को खाली पेट लेना चाहिए. लेवोडोपा लेने से पहले और बाद में आपको कम से कम 30 मिनट (और यदि हो सके तो एक घंटे) तक कुछ नहीं खाना चाहिए. यह शरीर में इसे सोखने में मदद करता है. टैबलेट को घुलने में मदद करने के लिए आपको प्रत्येक खुराक के साथ एक गिलास पानी पीना चाहिए.

कुछ रोगी लेवोडोपा लेने पर उल्टी आने की शिकायत करते हैं.

आमतौर पर लेवोडोपा को खाली पेट लेना चाहिए. खाने के साथ लेने से यह शरीर द्वारा ठीक से सोखी नहीं जाती.

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पार्किंसन रोग के उपचार के लिए लेवोडोपा खली पेट लेनी चाहिए।

लेकिन अगर उल्टी बहुत ज्यादा है, तो रोटी या ब्रेड के एक छोटे से टुकड़े के साथ लेवोडोपा ली जा सकती है. आमतौर पर, आपके डॉक्टर इस समस्या के लिए डोमपेरिडॉन जैसी दवाएं लिख सकते हैं.

पार्किंसंस रोग की दवा: एंटाकैपोन

लेवोडोपा का दोस्त

पार्किंसन रोग के उपचार की दूसरी महत्वपूर्ण गोली है एंटाकैपोन.

ये दवा COMT नामक एंजाइम को रोक कर लेवोडोपा के टूटने को रोकती है. टोलकैपोन और एंटाकॉम लेवोडोपा की रक्षा करते हैं. वे सीधे लेवोडोपा के असर को बढ़ाते हैं.

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एंटाकैपोन और अमंताडाइन की दवाइयां लेवोडोपा के दोस्त की तरह है.

टोलकैपोन, एंटाकैपोन की तुलना में अधिक प्रभावी है. लेकिन टोलकैपोन से यकृत को काफी नुक्सान हो सकता है, और इसलिए इसे बहुत सावधानी से इस्तेमाल करने की जरुरत है.

इस प्रकार से, पार्किंसन रोग के उपचार में एंटाकैपोन से लेवोडोपा को काफी मदत मिलती है.

पार्किंसंस रोग की दवा: अमंताडाइन

लेवोडोपा का  दूसरा दोस्त

पार्किंसंस रोग के कुछ रोगियों को कुछ वर्षों के ईलाज के बाद हाथ, पैर और गर्दन अति उत्तेजित हो कर ज़्यादा हिलने लगते है.

ये कपकपी, डांस जैसी हरकतें हैं, जो माइकल जैक्सन के मंच पर नाचने के तरीके से मिलती-जुलती हैं. नाचने के लिए लैटिन शब्द कोरिया है, और इसलिए इस कपकपी को कोरिय-फॉर्म (नाच-जैसी) कपकपी कहा जाता है. चूँकि यह शब्द बहुत कठिन है, इसलिए इसे “डिस्केनेसिया” भी कहा जाता है.

इस कपकपी को अक्सर लेवोडोपा से जोड़ा जाता है. यह लेवोडोपा लेने के 30 मिनट से 1 घंटे के बीच सबसे ज्यादा होती है.

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डिस्केनेसिया डांस जैसी कपकपी है.

अमंताडाइन बहुत अच्छा असर करती है – यह इस तरह की कपकपी को काफी कम कर देती है. जो  रोगी इस कपकपी के कारण जरुरी लेवोडोपा नहीं ले पाते हैं, यह इसकी मदद से जितनी जरुरत हो उतनी लेवोडोपा ले सकते हैं, ताकि उनकी जिन्दगी  बेहतर हो सके.

इस तरह से, पार्किंसन रोग के उपचार में अमंताडाइन की दवाई लेवोडोपा के असर को संतुलन में रखने का काम करती है.

पार्किंसंस रोग की दवा: डोपामाइन एगोनिस्ट:

प्रैमिपेक्सोल, रोपिरिनोल

ये डोपामाइन की तरह ही दिखते हैं.

ये दवाइयां खुद को उन्हीं जगहों से जोड़ते हैं जहाँ आमतौर पर डोपामाइन जुड़ता है. इसलिए, ये दिमाग में डोपामाइन के जैसा ही असर पैदा करते हैं और पार्किंसंस रोग के लक्षणों से राहत देते हैं.

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इसे बहुत अधिक खुराक में देने पर कुछ समस्यायें आ जाती हैं, जैसे कि दिन में बहुत नींद आना, आपा खो देना जैसे कभी कभी जुआ खेलने की लत और अच्छी नींद न आना और दिमाग का सही काम न करना जैसी परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं.

विशेष रूप से, दिन के दौरान बहुत ज्यादा नींद आने के कारण इसका इस्तेमाल कम करना पड़ता है – इस कारण इसे आप अधिक मात्रा में नहीं ले सकते.

संक्षेप में, पार्किंसन रोग के उपचार में ये दवाइयां असरदार तो है. लेकिन इनके साइड-इफ़ेक्ट के कारन कई लोग इन्हे ले नहीं पाते।

पार्किंसंस रोग की दवा: MAO-B अंटागोनिस्ट

रसगिलिन और सेसिलीन

ये दवाएं MAO नामक एक एंजाइम को रोकती हैं, जो डोपामाइन के खत्म होने को रोकता है और शरीर में इसे लंबे समय तक बनाए रखता है.

MAO-B रोकने वाला बुरा असर पैदा कर सकते हैं. ये कई दवाओं के साथ रिएक्शन भी कर सकते हैं. इसलिए, मैं उन्हें बहुत सोच समझकर इस्तेमाल करता हूं, अगर इसकी जरुरत हो तो ही.

पार्किंसन रोग के उपचार – संक्षेप में

१. लेवोडोपा की दवाई पार्किंसन रोग के उपचार में सबसे असरदार है.

२. एंटाकैपोन की दवाई लेवोडोपा के असर को बढ़ाती है, और ज़्यादा देर तक टिकाती है.

३.  अमंताडाइन की दवाई लेवोडोपा के असर को नियंत्रित करती है. लेवोडोपा से होने वाले अत्यधिक हिलने को काम करती है.

४. डोपामाइन एगोनिस्ट (प्रैमिपेक्सोल, रोपिरिनोल) पार्किंसन रोग के उपचार में असरदार है. मगर इनसे थोड़े लोगों को ज़्यादा नींद आती है.

५. MAO-B अंटागोनिस्ट (रसगिलिन और सेसिलीन): पार्किंसन रोग के उपचार में इन दवाइयों का ज़्यादा उपयोग नहीं किया जाता.

पार्किंसंस रोग नए उपचार के बारे में जरूर पढ़े.

पार्किंसंस की पूरी जानकारी: एक-एक कर के पढ़े

१. Tremors Meaning in Hindi [ हाथ-पांव की कंपन का मतलब और कारण! ]
२. Parkinson's Meaning in Hindi [ पार्किंसंस रोग का अर्थ ]
३. Parkinson’s symptoms in Hindi [पार्किंसंस रोग के लक्षण]
४. Parkinson's treatment in Hindi [पार्किंसंस का उपचार]
५. Parkinson's new treatment (DBS) in Hindi [पार्किंसंस रोग नए उपचार]
चेतावनी: यह जानकारी केवल शिक्षण के लिए है. निदान और दवाई देना दोनों के लिए उचित डॉक्टर से स्वयं मिले। उचित डॉक्टर से बात किये बिना आपकी दवाइयां ना ही बढ़ाये ना ही बंद करे!!
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डॉ सिद्धार्थ खारकर

डॉ  सिद्धार्थ खारकर को "आउटलुक इंडिया" और "इंडिया टुडे" जैसी पत्रिकाओं ने मुंबई के जाने-माने न्यूरोलॉजिस्ट्स में से एक के तोर पे पहचाना है.

डॉक्टर सिद्धार्थ खारकर न्यूरोलॉजिस्ट, मिर्गी  (एपिलेप्सी) विशेषज्ञ और पार्किंसंस विशेषज्ञ है।

उन्होंने भारत, अमेरिका और इंग्लॅण्ड के सर्वोत्तम अस्पतालों में शिक्षण प्राप्त किया है।  विदेश में  कई साल काम करने के बाद, वह भारत लौटे, और अभी मुंबई महरारष्ट्र में बसे है।

डॉक्टर सिद्धार्थ खारकर अंतरराष्ट्रीय पार्किंसंस और मूवमेंट डिसऑर्डर सोसाइटी के एक संशोधन गट के अंतरराष्ट्रीय संचालक है.

फोन 022-4897-1800

ईमेल भेजे

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चेतावनी: यह जानकारी केवल शिक्षण के लिए है. निदान और दवाई देना दोनों के लिए उचित डॉक्टर से स्वयं मिले। उचित डॉक्टर से बात किये बिना आपकी दवाइयां ना ही बढ़ाये ना ही बंद करे!!

डॉ सिद्धार्थ खारकर

डॉ  सिद्धार्थ खारकर को "आउटलुक इंडिया" और "इंडिया टुडे" जैसी पत्रिकाओं ने मुंबई के जाने-माने न्यूरोलॉजिस्ट्स में से एक के तोर पे पहचाना है.

डॉक्टर सिद्धार्थ खारकर न्यूरोलॉजिस्ट, मिर्गी  (एपिलेप्सी) विशेषज्ञ और पार्किंसंस विशेषज्ञ है।

उन्होंने भारत, अमेरिका और इंग्लॅण्ड के सर्वोत्तम अस्पतालों में शिक्षण प्राप्त किया है।  विदेश में  कई साल काम करने के बाद, वह भारत लौटे, और अभी मुंबई महरारष्ट्र में बसे है।

डॉक्टर सिद्धार्थ खारकर अंतरराष्ट्रीय पार्किंसंस और मूवमेंट डिसऑर्डर सोसाइटी के एक संशोधन गट के अंतरराष्ट्रीय संचालक है.

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8 thoughts on “पार्किंसन रोग के उपचार – ५ असरदार दवाइयां, पार्किंसन रोग – Parkinson’s Disease in Hindi”

    • Thank you for your comments. I hope the neurological information on this website is helpful.

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  1. Myself is suffering from epilepsy and now suffering from parkinson.doctor advice me to take .,—-Syndopa plus 1/2 tab thrice aday and Pacitone 2mg 1/2tab thrice a day. But not yet I feel relief.from Parkinson.

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    • Please see a neurologist close to you. The treatment of Parkinson’s disease, just like eye glasses, frequently needs to be adjusted.

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    • See a neurologist close to you. There can be many causes of tremor in many parts of the body. If it involves both parts of the body, frequently the problem is Essential Tremor.

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  2. Nice information.My friend Ingle sir have this problem from four years.these medicine give him by doctor.but he had no realif What can we do

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    • I think you should meet a neurologist closest to you. Almost everything has a solution.

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Noted as one of the best Neurologists in Mumbai

India Today Magazine - 2020, 2021, 2022, 2023

Outlook India Magazine - 2021, 2023

Ex-Assistant Professor, University of Alabama, USA

Outlook India - Best neurologist in Mumbai